सिवनी। मध्यप्रदेश के कई जिलों में आफत की बारिश हो रही है, जहां बाढ़ के चलते भारी नुकसान हुआ है, वहीं सिवनी के केवलारी तहसील मुख्यालय पर एक दिन पहले आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है. जब ईटीवी भारत की टीम वहां का जायजा लेने पहुंची तो लोगों का दर्द छलक उठा, उनका कहना था कि 1968 के बाद ऐसी बाढ़ आई है, जिसने सबकुछ चौपट कर दिया है. उनके पास न तो सिर छिपाने के लिए मकान है और न खाने-पीने के लिए राशन बचा है. ऐसे में सभी को उम्मीद है कि अब सरकार उनकी मदद करेगी. संतोष यादव का परिवार हो या फिर नसीमा बानो का, इनके सिर पर अब छत नहीं है, इन परिवारों के पास आशियाने के नाम पर मिट्टी और कीचड़ का ढेर बचा है. तबाही की ये तस्वीरें बस इतनी ही नहीं हैं, केवलारी तहसील मुख्यालय पर ही दर्जनों ऐसे घर हैं जिनका अब नामोनिशान भी नहीं बचा है और जो बच गए हैं वे कब धराशाई हो जाएं, कुछ कहा नहीं जा सकता.
अचानक आई बाढ़ ने मचाई तबाही
बीते दो दिनों से हो रही बारिश के बाद सिवनी जिले के ऐतिहासिक मिट्टी के बांध के सभी गेट खोल दिए गए, जिसके बाद अचानक निचली बस्तियों में सागर नदी का पानी भरना शुरू हुआ हो गया, जिसने सब कुछ तबाह कर दिया. बाढ़ से सभी लोग जैसे-तैसे राहत कैम्प में रात गुजारे. जब बाढ़ का पानी उतरने के बाद अपनी बस्तियों में पहुंचे तो किसी का घर जमींदोज हो चुका था तो किसी की पूरी गृहस्थी मिट्टी में मिल चुकी थी, ऐसे में शायद ही कोई परिवार बचा हो, जिनका अनाज और गृहस्थी का सामान बाढ़ की भेंट न चढ़ा हो. जो कुछ बचा है तो उसमें से एक भी दाना काम का नहीं बचा है.
नेताओं ने लिया जायजा
पूर्व विधायक रजनीश सिंह ने लोगों के बीच पहुंचकर हालात का जायजा लिया और इस तबाही के लिए प्राकृतिक आपदा के साथ ही भीमगढ़ डैम के पानी छोड़े जाने की टाइमिंग और लोगों को बिना अलर्ट के पानी छोड़े जाने को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदेश के मुखिया से मांग की है कि सभी को सौ प्रतिशत मुआवजा दिया जाए. साथ ही तहसील मुख्यालय में ही सर्वे का काम दोपहर बाद तक शुरू न हो पाने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की.