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परेशान किसान ने 2018 में की थी खुदकुशी, सहायता राशि के लिए भटक रहे परिजन

सिवनी जिले के संतकुमार में किसान ने 2018 में अपनी बिकी हुई फसल की राशि नहीं मिलने पर आत्महत्या कर ली थी. परिजनों को दस लाख रुपए में से शेष पांच लाख की सहायता राशि अब तक नहीं मिली है. जिसके लिए मृतक के परिजन दर-दर भटकने को मजबूर हैं.

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Published : Aug 19, 2020, 1:34 PM IST

Updated : Aug 19, 2020, 3:20 PM IST

dead farmer
मृतक किसान

सिवनी।जिले के संतकुमार नामक किसान ने 2018 में अपनी बिकी हुई फसल की राशि नहीं मिलने पर आत्महत्या कर ली थी. परिजन और ग्रामीणों के हंगामा करने के बाद 10 लाख की सहायता राशि की घोषणा की गई थी, जिसमें से केवल पांच लाख की राशि उन्हें मिली है, वहीं शेष पांच लाख के लिए परिजन दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं.

भटक रहे परिजन

कृषि कर्मण्य अवार्ड हासिल करने वाले प्रदेश के किसान अपनी मेहनत से बेहतर उत्पादन ले रहे हैं, वो परेशान हैं. उनकी परेशानी का कारण ये है कि, उन्हें अपनी फसलों के उचित दाम और बिक्री का भुगतान सही समय पर नहीं मिल रहा है.

क्या हैं पूरा मामला ?

प्रदेश की भ्रष्ट व्यवस्था, अन्नदाता को उसकी जान की कीमत पर भी न्याय नहीं दिला पा रही है. हम बात कर रहे हैं, किसान संतकुमार सनोडिया की. जिसने साल 2018 में चना और मसूर की फसल सिवनी के लुघरवाड़ा खरीदी केंद्र में बेचा था. किसान अपने फसल के भुगतान का इंतजार कर रहा था, लेकिन एक महीने बाद भी उसको बिकी फसल के पैसे नहीं मिले.

सहायता राशि के लिए लिखा पत्र

प्रशासन ने नहीं सुनी हक की आवाज

अव्यवस्था के कारण किसान संतकुमार सनोडिया की तरह ही 450 किसानों की बिकी फसल का समय रहते पोर्टल में नाम नहीं चढ़ाया गया. जिसके बाद किसानों ने सभी से आवेदन देकर फसल की राशि की मांग की, लेकिन खाद आपूर्ति विभाग, कृषि विभाग और कलेक्टर तक ने किसानों की गुहार नहीं सुनी.

तंग आकर किसान ने की खुदखुशी

अपने फसल के पैसे के लिए चार महीनों तक हर दिन संतकुमार भटकते रहे, सभी से ये कहते रहे कि, उनके चने के पैसे दो, मसूर के पैसे दो, साथ ही कपड़े में खून से लिखकर आंदोलन करते रहे. यहां तक किसानों ने अपने खून से 26 सितंबर को जिलेभर के अधिकारियों के नाम एक पत्र लिखा, इसके बावजूद किसी ने उनकी गुहार नहीं सुनी. इन्हीं सबसे तंग आकर किसान संतकुमार ने 29 सितंबर को जहर खा लिया, साथ ही एक वीडियो जारी करते हुए अपने मौत का जिम्मेदार प्रशासन को बताया.

किसान के परिजन

परिजनों को अब तक नहीं मिली सहायता राशि

संतकुमार को परिवार वाले अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां किसान की 2 अक्टूबर को मौत हो गई. आक्रोशित परिवार और ग्रामीणजनों ने उनके शव को हाईवे पर रखकर चक्काजाम किया. मामला तूल पकड़ता देख जिला कलेक्टर गोपाल चंद्र डाड और विधायक मुनमुन राय ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा दस लाख की सहायता राशि की घोषणा करवाई, जिसमें से पांच लाख परिवार वालों को दे दिया गया, वहीं शेष पांच लाख रुपए आज तक उनके परिवार वालों नहीं मिला है.

दर-दर भटक रहे किसान के परिजन

जिस परिवार ने अपना बेटा खोया, उस परिवार के साथ ऐसा अमानवीय सलूक किया गया. जिसके बाद पीड़ित परिवार ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि, उनके परिवार को शेष पांच लाख की राशि दी जाए, साथ ही इस बात की जांच की जाए की, इस राशि में देरी होने के लिए जिम्मेदार कौन है.

Last Updated : Aug 19, 2020, 3:20 PM IST

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