सिवनी। देशभर में मजदूर वर्ग बेरोजगार न रहे इसके लिए मनरेगा योजना चलाई गई, लेकिन इस योजना से मजदूरों को लाभ मिले न मिले पर सरपंच से लेकर अधिकारी-कर्मचारियों को भ्रष्टाचार का मौका मिल गया है. जिसकी एक तस्वीर सिवनी जिले से सामने आई है, जहां मजदूरों को हर रोज 200 रूपये देने की बजाय 145 रूपये देकर उनका हनन किया जा रहा है. एक ओर मजदूर काम न मिलने से परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर काम का सही दाम न मिलने से भी मजदूर परेशान हो रहे हैं. मामला सामने आने के बाद धनौरा तहसीलदार ने जांच के आदेश दिए हैं.
मनरेगा में हो रहा मजदूरों का शोषण, धनोरा तहसीलदार ने दिए जांच के आदेश - सिवनी के धनोरा तहसीलदार
सिवनी जिले में मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों का शोषण किया जा रहा है. जहां मजदूरों को हर रोज 200 रूपये देने की बजाय 145 रूपये देकर उनका हनन किया जा रहा है.
दरअसल सिवनी के धनोरा जनपद अंतर्गत मनरेगा योजना में काम कर रहे मजदूरों की मजदूरी में गोलमाल करने का मामला सामने आया है. मनरेगा योजना के तहत मेढ़ बंधानी और तालाब की खुदाई कर रहे मजदूरों को टास्क के अनुसार मजदूरी नहीं दी जा रही है. मजदूरों के मुताबिक नियम अनुसार और दिए गए टास्क रेट के हिसाब से प्रति मजदूर को दैनिक रूप से 190 से 200 रुपये तक मिलना चाहिए, लेकिन उनको केवल 135 से 140 रुपये हाथ मे थमाए जा रहे हैं.
जिले सहित प्रदेशभर में आए दिन अधिकारियों-कर्मचारियों की मनमानी सामने आ रही है. वहीं अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है. इस मामले के उजागर होने के बाद जनपद अधिकारियों पर मजदूरी में गोलमाल करने के आरोप लग रहे हैं. जिसके चलते धनोरा तहसीलदार ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं.