सिवनी।जिले की केवलारी तहसील में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई. संजय सरोवर बांध भीमगढ़ से पानी छोड़े जाने के बाद केवलारी तहसील और आसपास के गांव में सैकड़ों लोग इसकी चपेट में आए. बहुत से मकान पूरी तरह से धाराशायी हो गए. साथ ही खड़ी फसलों के साथ ही गृहस्थी का सामान भी पूरी तरह से बर्बाद हो गया.
कितना है जिले में बर्बादी का आंकड़ा
- सिवनी जिले में कुल 762 गाव बाढ़ और अतिवर्षा से प्रभावित हुए हैं
- 3 लोगों की मौत हुई है
- 79388 हेक्टेयर की कुल फसल को नुकसान हुआ है
- 72.61 करोड़ मूल्य की अनुमानित फसलों की क्षति
- 135 पशुओं की मौत
- राहत के लिए बनाए गए कुल 8 कैंप
- 840 लोग 8 कैंपो में रह रहे हैं
- अब तक 2206 किसानों को मिली आर्थिक मदद
- जिले के लिए कुल 2.11 करोड़ रुपए आवंटित
केवलारी तहसील में बाढ़ से फैली तबाही का जायजा लेने के लिए प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहन को आना था, जिसकी तैयारियां भी पूरे हो चुकी थी, लेकिन अचानक दौरा रद्द कर दिया गया, जिसके बाद कांग्रेस सीएम पर आरोप लगा रही है. जबकि बीजेपी नेताओं का दावा है कि जिले में पीड़ित तक मदद पहुंचाई जा चुकी है.
सीएम के आगमन की तैयारी
सीएम के आगमन की तैयारियां पूरी हो चुकी थीं. केवलारी का हेलीपैड भी तैयार हो चुका था, लंबे समय से मलारा और केवलारी को जोड़ने वाली खराब सड़क भी आनन-फानन में मरम्मत कर रातों रात तैयार कर दी गयी. लेकिन अचानक ही सीएम का दौरा कैंसिल हो गया और पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के बैनर झंडे धरे रह गए.
कांग्रेस का आरोप संवेदनहीन हैं सीएम कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष कस्तूर चन्द अवधिया का कहना है कि केवलारी ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाने का वादा कर चुके शिवराज सिंह चौहान न जानें कितनी घोषणा कर उन्हें भुला चुके हैं. शायद उन सवालों से बचने के लिए उन्होंने अपना दौरा कैंसिल किया है. लेकिन ऐसे बुरे दौर में वो ना आकर अपनी संवेदनहीनता दिखा रहे हैं. भाजपा थपथपा रही पीठ भाजपा मंडल अध्यक्ष सचिन अवधिया का कहना है कि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में पूरे प्रदेश के साथ ही जिले के सभी बाढ़ पीड़ितों का सर्वे तेजी से किया जा रहा है, जबकि केवलारी तहसील में 100 प्रतिशत सर्वे और मदद का कार्य किया जा चुका है. किन्हीं कारणों से सीएम का दौरा कैंसिल हुआ है, लेकिन वे पूरी तरह से जनता की तकलीफों के साथ हैं.
इतनी हुई मदद
सिवनी जिले की केवलारी में कुल 226 मकान पूरी तरह से धराशायी हुए, 93 गंभीर रूप से छतिग्रस्त, 583 मकान आंशिक रूप से छतिग्रस्त हुए और 6 जुग्गी झोपड़ी तबाह हुई. इस तरह कुल 1201 मकान छतिग्रस्त हुए हैं, जिसके लिए 1 करोड़ 35 लाख 67 हजार की राहत राशि का वितरण किया जा चुका है.
641 लोगों की संपत्ति और जरूरत की चीजों का नुकसान हुआ, जिसके लिए 22 लाख रुपए की मदद पहुंचाई जा चुकी है. वहीं 37 हजार 7 सौ रुपए की मदद पशु धन के लिए दी गई है. केवलारी तहसील में 54 हजार 676 हेक्टेयर के लगभग खेती नुकसान का सर्वे किया जा चुका है. जबकि लगभग 6 हजार किसान इससे प्रभावित हुए हैं.
तबाही के बाद का मंजर और बाढ़ पीड़ित लोगों से मिलने अगर प्रदेश के मुखिया केवलारी आते तो निश्चित ही इस बात का फायदा बाढ़ पीड़ितों को मिलता, प्रशासन की मदद के साथ ही अगर प्रदेश के मुखिया की हमदर्दी मिल जाती तो जनता के दर्द पर कुछ मरहम तो लगता ही कांग्रेस भी संवेदनहीनता के आरोप नहीं लगा पाती. बहरहाल कई प्रभावित लोग अभी भी उम्मीद लगाकर बैठे हैं कि उन्हें मदद मिल जाए.