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बॉलीवुड सिंगर रितु पाठक की फर्श से अर्श तक की पूरी कहानी, देखें वीडियो - bollywood playback singer ritu pathak

बॉलीवुड में 'जलेबी बाई' और 'पापा जग जाएगा' जैसे हिट गीतों को गाने वाली गायक रितु पाठक पिछले 12 सालों से संगीत की दुनिया में मध्यप्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं. उनकी संघर्ष भरी जिंदगी के बारे में जानने के लिए पढ़िये पूरी खबर.

Singer Ritu Pathak had a struggling life
सिंगर रितु पाठक का संघर्ष से भरा सफर

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Published : Dec 6, 2019, 7:11 PM IST

Updated : Dec 6, 2019, 9:37 PM IST

सिवनी। बॉलीवुड में 'जलेबी बाई' और 'पापा जग जाएगा' जैसे हिट गीतों को आवाज देने वाली वाली सिंगर रितु पाठक ने कैसे इतना बड़ा मुकाम हासिल किया. आज हम आपको उनके संघर्ष भरे जीवन से रूबरू कराएंगे. सिंगर रितु का अपनी मंजिल को पाना इतना आसान नहीं था. यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें उतार चढ़ाव से गुजरना पड़ा. गोपालगंज निवासी जगन्नाथ सविता पाठक की बेटी रितु पाठक बीते 12 सालों से बॉलीवुड में संगीत के क्षेत्र में सक्रिय रहकर नाम रोशन कर रही हैं.

सिंगर रितु पाठक का संघर्ष से भरा सफर

जब संगीत की दुनिया में रखा कदम
रितु पाठक बताती है कि उन्हें बचपन से ही गाने का शौक था. 4 साल की उम्र से पापा के साथ क्लासिकल गाने का अभ्यास करती रहीं. कई मौकों पर जिले के कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुतियां भी दी. रितु बताती हैं कि आज वो जिस मुकाम पर है इसके पीछे उनके परिवार के साथ-साथ जिलेवासियों का भी योगदान हैं.

मायानगरी में संघर्ष भरी जिंदगी

रितुपाठक ने बताया कि मुंबई में अपने आप को स्थापित करना आसान बात नहीं है. शुरुआत के 2 साल बहुत संघर्ष किया. प्रीतम दा के पास लगातार जाती रहीं, उनके पास लगातार बैठती रहीं. तब जाकर उन्हें सबसे पहले हाउसफुल में 'पापा जग जाएगा' गाना गाने का मौका मिला. इसके बाद उन्हें 'जलेबी बाई' सॉन्ग गाने का मौका मिला. ये दोनों गाने बेहद सुपरहिट भी हुए. बस फिर यहां से शुरू हुआ बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने का सिलसिला. इसके बाद फिल्म 'तेवर' और हाल ही में हनी सिंह के साथ 'चल्ला चल्ला रे' सॉन्ग भी गाया है.

आइटम सॉन्ग से मिली पहचान
रितु बताती है कि वो प्रीतम दा, साजिद वाजिद, शंकर- एहसान- लॉय जैसे कलाकारों के साथ काम कर चुकी हैं. देश-विदेश में स्टेज शो कर रही हैं. उन्होंने बताया कि वो क्लासिकल गाने को लेकर निरंतर रियाज करती रहती हैं, लेकिन उनकी पहचान आइटम सॉन्ग गायक के रूप में पूरे देश में है.

क्षेत्रीय गायन को आगे लाने की कोशिश
रितु पाठक बताती है कि जब पंजाबी राजस्थानी और मराठी गीत हिट हो सकते हैं, तो हमारे क्षेत्र में लोकगीत जैसे 'काजल की डिबिया हिरानी रे' फीके पड़ गए हैं. उन्होंने कहा कि नैना जैसे गीत भी निश्चित ही मध्य प्रदेश की पहचान बन सकते हैं. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश और क्षेत्रीय गायन कला के लिए वो कुछ करना चाहती हैं. यहां पर अनेक धुन हैं जो बॉलीवुड में धमाल कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि वो सिवनी में भी एक अच्छा संगीत महाविद्यालय खोलने के बारे में विचार कर रही हैं. साथ ही ये भी कहा कि यहां की प्रतिभाओं को मुंबई में भी स्थान मिल सकता है.

Last Updated : Dec 6, 2019, 9:37 PM IST

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