सिवनी। कोरोना के कहर के चलते जिले में ऑक्सीजन, इंजेक्शन और दवाइयों की भारी कमी है, ऐसे लोगों की लगातार मौत हो रही है. ऐसे में ऑक्सीजन और दवाइयों की उपलब्धता करने के बजाए जनप्रतिनिधियों को अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों की व्यवस्थाओं की पूर्ति ज्यादा जरूरी लग रही है. खुद को जनता का सच्चा हमदर्द बताने के लिए नेता सोशल साइड का सहारा भी ले रहे हैं. उलजुलूल पोस्ट करने से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसा ही कुछ किया सिवनी-बालाघाट के ढाल सिंहबिसेनने, जो अपनी पोस्ट के बाद जम कर ट्रोल हुए और जब उन्हें जवाब देते नहीं सूझा, तो खुद की पोस्ट ही डिलीट कर, ट्रोलर्स से पीछा छुड़ाना पड़ा.
- ये किया था पोस्ट
जनता के सच्चे हितैषी बनने की होड़ में ढाल सिंहबिसेन ने एक पोस्ट कर डाली, जिसमें उन्होंने लिखा कि सिवनी जिले और बालाघाट जिले के सीसीएफ से बात करके उन्होंने अंतिम संस्कार के लिए भरपूर मात्रा में लकड़ियां शमशान घाटों पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. जिस पर दोनों अधिकारियों ने सहमति भी दे दी है. एमपी की यह पोस्ट जैसे ही वायरल हुई. मानों उनकी शामत ही आ गयी.
- जमकर ट्रोल हुए माननीय
ढाल सिंहबिसेन की इस तरह की गैर जिम्मेदाराना पोस्ट की उम्मीद ऐसे समय में कोई नहीं कर सकता. कहां तो लोग सोच रहे थे कि सांसद महोदय जनता के चुने गए जनप्रतिनिधि होने के नाते अपने संसदीय क्षेत्र की जनता के लिए दवाओं, इंजेक्शन और ऑक्सीजन की व्यवस्था में व्यस्त हैं लेकिन इस पोस्ट के बाद वे सीधे ट्रोलर्स के निशाने पर आ गए. यूजर्स ने व्यवस्था को शर्मसार करने वाला बताया, इसके बाद तो बिसेन पर चौतरफा हमले होने लगे जिसका कुछ देर तक तो वे जबाब देते हुए बचाव करते रहे, लेकिन आखिर में उन्हें अपनी पोस्ट हटानी ही पड़ी.