सीहोर।संसाधनों की उपलब्धता होने के बाद भी जिला चिकित्सालय में मरीजों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के प्रभार में जिला है, बावजूद इसके व्यवस्थाएं लचर हैं और महकमे के अधिकारी-कर्मचारियों की मनमानी हावी है. जिला अस्पताल में लाखों की डिजिटल एक्स-रे मशीन धूल खा रही है. आधुनिक मशीन होने के बाद भी अस्थि रोग पीड़ितों को डिजिटल एक्स-रे की सुविधा नहीं मिल रही है. उन्हें यहां अपने मोबाइल कैमरे से एक्स-रे का फोटो लेना पड़ता है. तब जाकर उपचार हो पाता है.
नहीं मिलती एक्स-रे रील:शासकीय अस्पताल सीहोर में बड़ी संख्या में मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं. बताया जा रहा है कि पुलिस केस, एमएलसी में ही एक्स-रे रील उपलब्ध कराई जाती है. वहीं अन्य अस्थि रोग पीड़ितों को एक्स-रे रील नहीं दी जा रही है. जबकि नियमों की बात करें तो बीपीएल, आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों को नि:शुल्क एक्स रे रील उपलब्ध कराया जाना चाहिए. सामान्य मरीजों के लिए 100 रुपये शुल्क रखा गया है. विभाग में लंबे समय से कर्मचारी जमे बैठे हैं, जिनकी मनमानी से मरीज परेशान रहते हैं. इन्होंने यहां अपना ही एक सिस्टम बना रखा है. देखने में यह भी आ रहा है कि मरीजों को बाहर निजी एक्स रे लैब पर जांच कराने की सलाह दी जाती है.
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