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कथावाचक प्रदीप मिश्रा की बढ़ीं मुसीबतें, जाम में फंसने के चलते मां-बेटे ने भेजा 1 करोड़ का नोटिस - sehore latest news

सीहोर से कथावाचक प्रदीप मिश्रा को लेकर हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. रुद्राक्ष वितरण कार्यक्रम के दौरान जाम में फंसे मां-बेटे ने प्रदीप मिश्रा के खिलाफ नोटिस जारी कर 1 करोड़ रुपए की मांग की है. मामले में 7 दिन के अंदर नोटिस का जवाब देने के निर्देश भी दिए गए हैं.

mother and son stuck in rudraksh festival
प्रदीप मिश्रा को नोटिस

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Published : Mar 1, 2023, 9:50 PM IST

प्रदीप मिश्रा को नोटिस

इंदौर। कथावाचक प्रदीप मिश्रा द्वारा सीहोर में बीते दिनों रुद्राक्ष वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम की वजह से लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा था. कार्यक्रम वाले दिन इंदौर की रहने वाली एक महिला अपने बेटे के साथ सीहोर जा रही थी. इसी दौरान वे लोग ट्रैफिक जाम का शिकार हो गए. जिसके कारण उनके कई जरूरी काम नहीं हो पाए. अब उन्होंने एक वकील के माध्यम से प्राइवेट नोटिस संबंधित लोगों को भेजकर एक करोड़ रुपए की मांग की है.

जाम में फंस गया था परिवार: जानकारी के अनुसार, प्रदीप मिश्रा द्वारा कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष वितरण का आयोजन 16 फरवरी से किया गया था. आयोजन को देखते हुए देश भर से कई लोग वहां पहुंचे थे. जिसके कारण इलाके में जाम की स्थिति निर्मित हो गई थी. इसी दौरान इंदौर के रहने वाले शुभम शर्मा अपनी मां के साथ भोपाल में कोर्ट की पेशी में जा रहे थे. लंबे जाम लगने की वजह से शुभम अपनी मां के साथ वहां नहीं पहुंच पाए. जिसके कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

एक करोड़ रुपए की मांग: 20 घंटे तक शुभम शर्मा अपनी बुजुर्ग मां के साथ उस जाम में फंसे रहे, जिसके कारण उन्हें विभिन्न तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा. वहां उन्हें खाने-पीने की सामग्री भी उपलब्ध नहीं हुई. जब जाम को लेकर उन्होंने सीहोर एसपी को फोन लगाया तो उन्होंने किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी. इसके बाद जैसे-तैसे वे लोग वहां से निकले. इसके बाद उन्होंने अपने एडवोकेट आनंद के माध्यम से एक नोटिस सीहोर एसपी, कलेक्टर एवं कथावाचक प्रदीप मिश्रा सहित अन्य को भेजा है. शुभम शर्मा को जिन परेशानियों का सामना करना पड़ा, उनकी एवज में एक करोड़ रुपए की मांग भी की गई है.

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7 दिन में देना होगा जवाब: नोटिस का जवाब 7 दिन में देने के निर्देश भी दिए गए हैं. यदि 7 दिन में संबंधित पक्षकारों ने नोटिस का जवाब नहीं दिया तो कोर्ट में पिटीशन लगाकर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जाएगी. फिलहाल अब देखना होगा कि जिस तरह से जाम में फंसने के बाद एक पीड़ित ने संबंधित लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, उसके बाद अब संबंधित लोग किस तरह से जवाब पेश करते हैं.

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