सीहोर। हर एक व्यक्ति के पास अपनी जमीन हो, जिस पर वह रहने के लिए एक छोटा सा घर बना सके. यह मंशा प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की है. इसके लिए मुख्यमंत्री आवासीय भूअधिकार योजना चलायी जा रही है. जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिहीन परिवारों को आवासीय भूखंड उपलब्ध कराकर उन्हें स्थाई पट्टे दिये जाते हैं. इसके बावजूद आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत बड़ी आबादी भूअधिकार से वंचित हैं. (MP SEHORE 348 people applied for land lease) (MP SEHORE CM Residential land lease Scheme)
कागजों में झूलती योजनाः जिले में योजना को लेकर उचित प्रचार प्रसार नहीं होने के कारण से 496 ऐसे गांव हैं. जहां योजना के प्रथम चरण में किसी ने आवेदन ही नहीं किया है. इसलिए यह योजना कागजी झमेले में झूलती हुई नजर आ रही है. बीते वर्षों से भूअधिकार योजना चल रही है. कई गरीब परिवार ऐसे हैं, जो गांव में रह तो रहे हैं. मगर अधिकांशतय वह कच्चे घरों में ही रह रहे हैं. उनके पास उस जमीन का मालिकाना हक नहीं है. मालिकाना हक नहीं होने के कारण उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है. कई परिवार तो ऐसे हैं, जिनका प्रधान मंत्री आवास योजना की सूची में नाम तो आ गया है. लेकिन जमीन का पट्टा नहीं होने के कारण से उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया. कई दबंगों ने ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कब्जे जमा रखे हैं। (MP SEHORE 348 people applied for land lease)
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पट्टों के पेंच में फंसे हैं ग्राणीणः गरीब परिवारों को जमीन के पट्टे के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं. उन्होंने वर्षों से पट्टों के लिए आवेदन किया हुआ हैं. लेकिन सफलता नहीं मिली है. इस संबंध में सीहोर विधानसभा के गांव सांकला में रहने वाले विश्राम सिंह अहिरवार ने बताया कि वह इस क्षेत्र में जन्म से ही रह रहे हैं. लेकिन उन्हें पट्टा आज तक नहीं मिला. इसी प्रकार ग्राम के ही हरीसिंह वंशकार, राजू वंशकार, छोटू वंशकार वर्षों से पट्टे के लिए विभागों के चक्कर काट रहे हैं. इसी तरह ग्राम शील खेड़ा में दौलत राम, मेवाराम, तुलाराम, हरभजन भी पट्टे के प्रयास में लगे हुए हैं. जिन्होंने बताया कि पटवारी से संपर्क करने पर बताया जाता है कि ड्राेन सर्वे में आपके गांव में खाली जगह नहीं होने के कारण पट्टे नहीं मिल पा रहे हैं. (MP SEHORE second phase scheme also started)
आवेदक सुस्त हैं या जानकारी का अभावः मुख्यमंत्री भूअधिकार योजना प्रदेश में संचालित है. जिले में पहले चरण में 6 हजार 81 भूमिहीनों ने आवेदन किये हैं. अब तक जिले में कुल 1064 ग्रामों में से 568 ग्रामों के लोगों ने ही आवेदन किये हैं. जबकि 496 ऐसे गांव हैं जहां से एक भी आवेदक सामने नहीं आए हैं. जिले में सबसे अधिक आवेदन श्यामपुर तहसील से 2252 प्राप्त हुए हैं. जबकि सबसे कम जावर तहसील में118 आवेदन आये हैं. वहीं सीहोर तहसील में 348 लोगों ने आवेदन किये हैं. सीहोर नगर की बात की जाए तो महज 11 लोगों ने पट्टे मांगे हैं. इतने कम आवेदन आए हैं. अब इन तक जानकारी नहीं पहुंची या आवेदकों में उत्साह नहीं है यह तो जांच का विषय है. जबकि भूअधिकार योजना का द्वितीय चरण शुरू हो गया है. (MP SEHORE CM Residential land lease Scheme)