सीहोर। एमपी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा से वीडियो कॉल पर बात की. उन्होंने कहा कि आपकी कृपा से ही सरकार चल रही है. बता दें कि सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित करने का मामला तूल पकड़ने लगा है. वहीं महोत्सव स्थगित होने से कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा भावुक हो गए और मंच पर भक्तों को संबोधित करते हुए रोने लगे. इसे लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा है, वहीं मामले को संभालने के लिए गृह मंत्री ने पंडित मिश्रा से वीडियो कॉल पर बात की.
जब कथा करते-करते रो पड़े पंडित प्रदीप मिश्रा जब रो पड़े कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के द्वारा सात दिवसीय भागवत कथा भव्य रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन सोमवार से शुरू होना था. यहां पहले दिन ही श्रद्धालुओं की अत्याधिक भीड़ जुटने से हाइवे जाम हो गया. इतनी भीड़ जुटने की उम्मीद ना प्रशासन को थी, ना ही महोत्सव के आयोजकों को. वहीं जाम में मंत्री इंद्र सिंह परमार भी फंस गए थे. बढ़ती भीड़ को देखे प्रशासनिक दबाव के चलते रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित करना पड़ा और कथा वाचक पंडित मिश्रा ये बताते हुए भावुक हो गए और मंच पर ही रो पड़े.
जब कथा करते हुए रो पड़े पंडित प्रदीप मिश्रा गृह मंत्री ने की वीडियो कॉल पर बात
रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित होने के मामले ने तूल पकड़ लिया औऱ पुलिस-प्रशासन की किरकिरी के बाद मंगलवार को गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कथावाचक पंडित मिश्रा से बात की. इस दौरान गृहमंत्री ने कहा- आपके आशीर्वाद से ही सरकार है, महाराज. आपको दंडवत प्रणाम कर रहा हूं महाराज. निवेदन कर रहा था प्रशासन की कोई दिक्कत तो नहीं है. कोई बात होगी तो बताइएगा, कोई भी आवश्यकता हो. जवाब में पंडित मिश्रा ने कहा कि आज सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं, अब कोई दिक्कत नहीं है. पंडित मिश्रा ने गृहमंत्री से एक बार मंदिर आने को कहा. जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि वे जरूर आएंगे.
कैलाश विजयवर्गीय ने लिखा सीएम को पत्र
इस घटना को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. कैलाश विजयवर्गीय ने अपने पत्र में लिखा है कि भोपाल में इज्तिमा का आयोजन होता है, जिसमें लाखों लोग शामिल होते हैं. कई मंत्रियों को भी जाम में फंसना पड़ता है लेकिन ऐसा कभी नहीं सुना कि इसका आयोजन रोक दिया गया हो. क्या सीहोर का प्रशासन इतना नाकारा था कि इस आयोजन की सूचना होने के बावजूद भी व्यवस्था जुटाई नहीं जा सकती थी. उन्होंने पत्र में लिखा है कि जिला प्रशासन के कारण सीएम की छवि पर भी असर पड़ रहा है, लिहाजा उम्मीद है कि आप प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे तथा कथा पुनः प्रारंभ हो ऐसा प्रयास करेंगे.
इससे शर्मनाक कुछ नहीं- कमलनाथ
इधर कांग्रेस ने इस पूरे मामले में शिवराज सरकार को घेरने की कोशिश की है. प्रदेश के पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ ने ट्वीट कर लिखा, एक कथावाचक को आंखों में आंसू भरकर व्यासपीठ से इस सच्चाई को श्रद्धालुओं को बताना पड़े तो इससे शर्मनाक प्रदेश के लिये कुछ और हो नहीं हो सकता है. जो ख़ुद को धर्मप्रेमी बताते है यह है उनकी सरकार की हक़ीक़त. बड़ी संख्या में श्रद्धालु नाराज़, प्रदेश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने भी ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है. (Narotam Mishra talked to pt pradeep mishra)