सीहोर जिले के किसान के बेटे कपिल परमार ने जीता देश के लिए जूडो में पहला मेडल, PM मोदी ने पोस्ट कर दी बधाई, 1 दिसंबर को करेंगे मुलाकात
देश के लिए जुडो में पहला मेडल लाने वाले कपिल शर्मा की उपलब्धि से पूरे देश में खुशी का माहौल है. ऐसे में अब प्रधानमंत्री ने उन्हें 1 नवंबर को मिलने बुलाया है. कपिल सीहोर जिले के रहने वाले हैं. वे एक साधारण किसान के बेटे हैं.
कपिल परमार ने पैरा एशियन गेम्स में जीता सिल्वर मेडल
सीहोर।चीन में आयोजित पैरा एशियन गेम्स में सीहोर जिले के एक जूडो खिलाड़ी ने नाम रोशन करते हुए देश के लिए इस गेम में पहला मेडल जीता है. अब उनकी इस उपलब्धि पर देशभर समेत पूरे शहर और प्रदेश में चर्चा है. खिलाड़ी का नाम कपिल परमार है. उन्होंने 60 किलोग्राम वर्ग में जुडो स्पर्धा मुकाबला जीतकर देश को सिल्वर मेडल जिताया है. उनकी इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी व्यक्त की है. उन्होंने 1 दिसंबर को उन्हें दिल्ली बुलाया है. जहां पीएम मोदी उनसे मुलाकात करेंगे. साथ ही उनकी सफलता और संघर्ष के बारे में जानेंगे.
बता दें, कपिल शर्मा एक बेहद ही साधारण परिवार से आते हैं. उनके पिता खेती किसानी करते हैं. इससे पहले भी वो देश के लिए कई गोल्ड और सिल्वर मेडल जीत चुके हैं. कपिल ने अपनी इस उपलब्धी पर शहरवासियों को समर्पित किया है. उनके प्रतियोगिता का सारा खर्चा शहर के नागरिकों, प्रशासनिक अधिकारियों और समाजसेवियों ने उठाया था.
जब ईटीवी भारत ने उनसे बात की, तो उन्होंने बताया कि मेरी इस उपलब्धि से उन्हें काफी गौरव है. प्रतियोगिता से तीन महीने पहले से वे तैयारियों में जुटे हुए थे. साथ ही उन्हें उम्मीद है कि इस मेडल के बाद उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आएगा. साथ ही उन्हें आस है कि राज्य सरकार नौकरी भी देगी, जिससे वे घर की आर्थिक हालात को ठीक कर सकेंगे. उन्हें अपनी उपलब्धि का बड़ा श्रेय गुरू को दिया. प्रतियोगिता की तैयारी उन्होंने लखनऊ में की. उनके गुरू ने ही इन सभी खर्चा उठाया, इसके बाद सरकार की तरफ से मदद मिली. कपिल इससे पहले 10 इंटरनेशनल मेडल अपने नाम कर चुके हैं. उन्होंने अपनी उपलब्धि का श्रेय माता पिता, गुरु के अलाव सीहोर शहर की जनता को दिया. साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से भी उन्हें काफी मदद मिली. इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री की तरफ से मिली शुभकामनाओं के लिए खुशी जाहिर की. उन्हें 1 नवंबर को पीएम मोदी ने बुलाया है. वे अपने माता पिता के साथ उनसे मिलने जाएंगे.
पिता ने टैक्सी चलाई, हम्माली की:इसके अलावा कपिल ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए, पिता और भाई की मेहनत के बारे में बताया. कपिल का कहना है कि उनके इस सपने को पूरा करने के लिए उनके पिता ने मजदूरी, हम्माली और टैक्सी चलाने का काम भी किया.