सीहोर। नई शराब नीति के तहत 1 अप्रैल से प्रदेशभर में अंग्रेजी और देसी शराब के दाम सस्ते हो जाएंगे. सरकार ने शराब पर एक्साइज ड्यूटी कम करने का निर्णय लिया है. सरकार के इस निर्णय से एक और जहां सुरा प्रेमियों में उत्साह है तो वहीं नई शराब नीति का विरोध मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले के शराब ठेकेदार करने लगे हैं. लाइसेंसी ठेकेदार और लिक्वर एसोशिएशन नई शराब नीति का लगातार विरोध कर रहे हैं.
... तो शराब ठेकेदारों को होगा भारी घाटा
मप्र लिक्वर एसोशिएन के अध्यक्ष और सीहोर जिले के शराब कोरोबारी अखलेख राय ने इस संबंध में प्रमुख सचिव और सीएम के समक्ष अपनी बात रखी है. उनका कहना है कि सरकार यदि सस्ती शराब बिकवाना चाहती है तो उसे रिन्युअल फीस कम करना चाहिए. नई नीति में सिर्फ सरकार को ही फायदा है, जबकि लाइसेंसी दुकानदारों को बेहद घाटा है. ऐसी स्थिति में धंधा करना मुश्किल है. यह नीति ठेकेदारों के विरुद्ध है. शराब के दाम तो सस्ते कर दिए गए लेकिन रिन्युअल फीस बढ़ा दी गई है. बीते साल की अपेक्षा 20 से 25 प्रतिशत तक अधिक फीस वसूली जा रही है. कम दाम पर शराब बेचना कैसे मुमकिन होगा. घाटा खाकर धंधा कैसे कर सकते हैं. सरकार को तो राजस्व मिल जाएगा, लेकिन ठेकेदार बर्बाद हो जाएंगे. इस नीति पर सरकार को फिर से विचार करना चाहिए.
ई टेंडर में नहीं आया कोई ठेकेदार
उल्लेखनीय है कि सीहोर जिला रिन्युअल पॉलिसी में शामिल है. मार्च माह में रिन्युअल की तैयारियां की जा रही हैं. आष्टा, इछावर, रेहटी और नसरूल्लागंज की लाइसेंसी दुकानों के लिए रिन्युअल हो चुके हैं, जबकि फीस अधिक होने के कारण ठेकेदार ने सीहोर शहर के दो समूहों की 6 दुकानों पर रिन्युअल नहीं कराया है. इस कारण 10 , 15 और 19 मार्च को ई- टेंडर के जरिए ठेकेदारों को आमंत्रित किया गया. लेकिन ई टेंडर में किसी भी ठेकेदार ने भाग नहीं लिया. अब 22 मार्च को चौथी बार टेंडर बुलाए गए हैं.