सीहोर। जिले के बुधनी क्षेत्र के जंगलों में पाई जाने वाली दूधी लकड़ी से बनने वाले खिलौनों की पहचान देशभर में है. एक जिला एक उत्पाद योजना में इसे शामिल कर बाजार उपलब्ध कराने के प्रयास भी मध्य प्रदेश सरकार कर रही है. अभी तक इन कारीगरों की पहचान खिलौनों के कारण थी, लेकिन अब बुधनी के कारीगरों की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहुंचेगी. इन कारीगरों द्वारा बनाए गए चरखे आगामी दिनों में इंदौर में होने जा रहे जी 20 सम्मेलन में अलग-अलग देशों से आने वाले प्रतिनिधियों को स्वागत के दौरान भेंट किए जाएंगे.
500 चरखे तैयार :उल्लेखनीय है कि बुधनी क्षेत्र में बनने वाले खिलौनों और हस्तशिल्प को एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल किया गया है. जिसके तहत खिलौना कारीगरों को जिला प्रशासन प्रशिक्षण दिलाने के साथ ही बेहतर बाजार भी उपलब्ध करा रहा है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दिली ख्वाइश है कि बुधनी में बनने वाले खिलौनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिले. इसको लेकर कलेक्टर प्रवीण सिंह अढाइच काफी गंभीर हैं. उन्होंने करीब 500 चरखे बुधनी के खिलौना कारीगरों बनवाए हैं. इन खिलौनों को इंदौर में होने जा रही जी 20 सम्मिट में प्रतिनिधियों को भेंट किया जाएगा. इन चरखों पर मेड इन बुधनी भी अंकित होगा.