सीहोर। इरादे बुलंद हों तो कोई मंजिल कठिन नहीं होती. ये साबित कर दिखाया है नेत्रहीन शिक्षक गोपाल दत्ता ने. वे बच्चों को बिना ब्रेललिपि की मदद से पढ़ाते हैं. यहां के बच्चे हर साल पांचवीं बोर्ड में बच्चे 80-90% तक अंक लाते हैं. शिक्षक गोपाल की रुचि ने विद्यालय के वातावरण को उत्तम शिक्षा के अनुकूल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.बच्चों को स्कूल आने के बाद नियमित प्रार्थना, व्यायाम आदि के साथ पढ़ाई और फिर बागवानी की शिक्षा दी जा रही है.
सभी विषय पढ़ाते हैं :यह स्कूल किसी निजी विद्यालय के सामान सुंदर और आकर्षक नजर आता है. स्कूल में पदस्थ अतिथि शिक्षक मुकेश मालवीय ने बताया कि गोपाल सर बच्चों को हर विषय पढ़ाते हैं. साथ ही ब्लैक बोर्ड पर लिखकर भी गणित के सवालों को कराते हैं. बड़े ही आसानी से वह बच्चो को पढ़ा लेते हैं. गोपाल दत्ता ने बताया कि उन्होंने सीहोर के शारदा विद्या मंदिर से कक्षा 12 वीं तक की पढ़ाई की है. इसके बाद स्नातक कॉमर्स विषय से किया. इसके बाद तीन मार्च 2013 को उन्होंने अशोकनगर जिले के मुगांवली के हुरेरी गांव की शासकीय प्राथमिक शाला में अपनी सेवाएं दीं.