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टपकेश्वर महादेव मंदिर में जयकारे लगाने पर होता है भगवान शिव का अभिषेक

श्रावण माह में ही नहीं बल्कि 12 महीने प्रकृति टपकेश्वर महादेव का अभिषेक करती है. यही वजह है कि इसे टपकेश्वर महादेव मंदिर कहा जाता है, जिसे देखने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से दर्शक करने आते हैं.

Lord Shiva's consecration in Tapkeshwar Mahadev Temple
टपकेश्वर महादेव मंदिर में भोलेनाथ का अभिषेक

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Published : Feb 21, 2020, 5:55 PM IST

Updated : Feb 21, 2020, 6:36 PM IST

सीहोर। प्रदेश का अनोखा टपकेश्वर महादेव मंदिर रेहटी तहसील में स्थित है. बुदनी से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित विध्यांचल पर्वतों की पहाड़ियों के बीचों-बीच टपकेश्वर महादेव मंदिर है, जहां मान्यता है कि जितनी जोर से भगवान भोलेनाथ का जयकारा लगाया जाता है, उतनी ही तेजी से गुफा से शिवलिंग पर जल से अभिषेक होता है. भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर को इसीलिए टपकेश्वर महादेव मंदिर कहा जाता है.

टपकेश्वर महादेव मंदिर में भोलेनाथ का अभिषेक

श्रावण महीने में ही नहीं बल्कि 12 महीने प्रकृति भगवान शिव का अभिषेक करती रहती है. टपकेश्वर महादेव मंदिर में जाने के लिए भक्तों को दुर्गम पहाड़ी रास्तों से होकर सेन्ट्रल हाईवे से कुछ ही दूरी पर चैतन्य महादेव की गुफा है, जहां भगवान भोलेनाथ का मंदिर है. टपकेश्वर महादेव मंदिर पर कुंड है, जो भगवान शिव के ऊपर टपके पानी से भरा हुआ रहता है.

Last Updated : Feb 21, 2020, 6:36 PM IST

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