सीहोर। किसान की बेटी मेघा परमार ने 22 मई को विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह कर लिया. 24 वर्षीय मेघा एक किसान की बेटी हैं. वह सीहोर के उलझावन गांव के नजदीक स्थित भोज नगर की रहने वाली हैं.
किसान की बेटी ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा - mpnews
दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट फतह करने के बाद मेघा परमार पहली बार अपने गृह ग्राम भोजनगर पहुंची, जहां लोगों ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया.
जिद, जज्बे और जुनून की ये कहानी है मेघा परमार की. 24 साल की युवती सीहोर जिले के एक ऐसे गांव से आती है, जिसकी आबादी महज 100 घरों में 1500 लोगों के बीच सिमट जाती है. बहुत ही साधारण किसान परिवार में जन्मी मेघा ने सपना भी देखा तो माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराने का. और अपने सपने को पूरा कर दिखाया.
बता दें, सीहोर जिले की मेघा परमार के साथ 22 मई को ही छिंदवाड़ा के तामिया की रहने वाली 27 वर्षीय भावना डेहरिया ने भी एवरेस्ट समिट कंपलीट किया था. इस सफलता पर मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दोनों पवर्तारोहियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी थी. कमलनाथ ने बधाई देते हुए कहा कि साहसिक खेल एवं अन्य खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार विशेष प्रयास करेगी. प्रदेश का जो भी पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट पर फतह करेगा, राज्य सरकार उसे यात्रा के लिए आर्थिक मदद करेगी.