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लव जिहाद के खिलाफ कानून मौजूदा वक्त की जरूरतः गोविंद सिंह

पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ने लव जिहाद को रोकने के लिए ला जा रहे धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 को स्वागत योग्य बताया. उन्होंने कहा कि इस कानून की मौजूदा वक्त में जरूरत है.

Former Minister Govind Singh
पूर्व मंत्री गोविंद सिंह

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Published : Dec 26, 2020, 10:15 PM IST

सीहोर। मध्य प्रदेश में लव जिहाद विरोधी विधेयक 'धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020' को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. नए कानून में कुल 19 प्रावधान हैं. जिसके तहत अगर धर्म परिवर्तन के मामले में पीड़ित पक्ष के परिजन शिकायत करते हैं, तो पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी. इस विधेयक के बारे में पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि आगामी कानून स्वागत योग्य है. वर्तमान समय में जिस तरह से घटनाएं हो रहीं हैं, इस कानून की सख्त जरूरत थी.

पूर्व मंत्री गोविंद सिंह

मंत्रिमंडल विस्तार पर क्या बोले गोविंद सिंह ?

मंत्रिमंडल विस्तार पर गोविंद सिंह ने कहा कि ये मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. मुझे जो भी विभाग मिले हैं, उनमें पूरी पूरी ईमानदारी से काम किया है. राजस्व विभाग में किए गए कार्य के लिए सीएम शिवराज खुद सराहना कर चुके हैं. गेहूं खरीदी में मध्यप्रदेश देश में सबसे आगे रहा था. आगे जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसे पूरी करूंगा.

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कैसे करेंगे बुंदेलखंड का विकास

पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि बुंदेलखंड में तीन मंत्री रहे हैं. गोपाल भार्गव हैं, भूपेंद्र सिंह हैं. मैं मंत्री रहा हूं. हम सुनिश्चित करेंगे कि बुंदेलखंड का विकास हो. आने वाले दिनों में क्षेत्र में ऐसे विकास कार्य किए जाएंगे कि बुंदेलखंड का नाम नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा.

विधेयक के प्रावधान

  • बहला-फुसलाकर, धमकी देकर जबरदस्ती धर्मांतरण और विवाह पर 10 साल की सजा का प्रावधान होगा.
  • इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह में सहयोग करने वाले सभी आरोपियों के खिलाफ मुख्य आरोपी की तरह ही न्यायिक कार्रवाई की जाएगी.
  • धर्मांतरण और धर्मांतरण के पश्चात होने वाले विवाह के 1 माह पूर्व डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को धर्मांतरण और विवाह करने और करवाने वाले दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन प्रस्तुत करना होगा.
  • बगैर आवेदन प्रस्तुत किए धर्मांतरण कराने वाले धर्मगुरु, काजी, मौलवी या पादरी को 5 साल तक की सजा का प्रावधान होगा.
  • इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं को डोनेशन देने वाली संस्थाएं या लेने वाली संस्थाओं का पंजीयन भी निरस्त होगा.
  • धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत स्वयं पीड़ित, माता- पिता, परिजन या गार्जियन द्वारा की जा सकती है.
  • जबरन धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं का पंजीयन निरस्त किया जाएगा.

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