सीहोर। जिले भर में चिटफंड कंपनियों द्वारा जालसाजी का कार्य जारी है, जिसको लेकर लगातार शिकायतें सामने भी आ रही हैं. इसी कड़ी में दो निजी कंपनियों ने निवेशकों का करोड़ों रुपये हड़प लिया है. कंपनी में मामूली कमीशन पर कार्य करने वाले एजेंटों को दोषी ठहराया गया है. हालांकि निवेशकों के साथ एजेंटों ने भी कंपनी के संचालकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है. अब इन दोनों निजी कंपनियों की संपत्ति कुर्क करने के आदेश जिला दंडाधिकारी ने दिए हैं, लेकिन अब तक संपत्ति की नीलामी नहीं की गई है. पुलिस कार्रवाई और निवेशकों की धमकियों से परेशान एजेंटों ने डिप्टी कलेक्टर प्रगति वर्मा, पुलिस अधीक्षक सहित विधायक सुदेश राय को ज्ञापन सौंपा है.
चिटफंड कंपनियों की 33 संपत्तियां जब्त, नीलामी की मांग को लेकर एजेंटों ने सौंपा ज्ञापन
सीहोर जिले में दो निजी कंपनियों की 33 संपत्तियां जब्त कर ली गई हैं, लेकिन अभी तक नीलामी की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसी मांग को लेकर एजेंटों ने कलेक्टर, एसपी और विधायक को ज्ञापन सौंपा है.
एजेंटों ने बताया की, कंपनी के 8 में से 5 डायरेंक्टर जेल में हैं. पुलिस द्वारा बाकी 3 डायरेक्टरों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है. निवेशकों की शिकायत पर बेवजह निर्दोश एजेंटों को सताया जा रहा है. इसकी वजह से एजेंट आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं. निवेशकों ने निजी कंपनियों में अपना पैसा लगाया था, जहां कंपनी द्वारा परिवक्ता तिथि के बाद भी निवेश की गई राशि वापस नहीं की गई. निवेशकों ने कंपनी के डायरेक्टरों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण कोतवाली पुलिस थाने में दर्ज कराया है.
तत्कालीन कलेक्टर ने कंपनी की सम्पत्ति कुर्क करने के आदेश पारित कर दिए थे, जिसके बाद 13 बैंक खाते सहित 33 संपत्ति जब्त कर ली गई हैं, लेकिन आज तक नीलामी की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. कंपनी की संपत्ति को नीलाम करवाकर निवेशकों को राशि वितरण कराने की मांग एजेंटों द्वारा की जा रही है.