सतना। सिंहपुर रेंज की अमदरी बीट में टाइगर (Tiger died in satna) का शिकार करने का मामला सामने आया है. टाइगर का शिकार धान के खेत में लगे करंट से किया गया, जिसके बाद खेत के मालिक ने चर्मकार को बुलाकर टाइगर की खाल उतरवा ली और शरीर को तालाब में बहा दिया. अब वन विभाग इस मामले की जांच में जुट गया है.
कुछ इस हालत में मिला बाघ का शव. जुलाई में गायब हुआ था बाघ
मिली जानकारी के मुताबिक, पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) में हीरा-पन्ना दो बाघों की जोड़ी बहुत प्रसिद्ध थी. जुलाई में यह जोड़ी टूट गई. इनमें से एक बाघ पन्ना से माइग्रेट होकर जुलाई में सतना वन मंडल (Satna Forest Division) की सीमा में घुसा गया. पन्ना टाइगर रिजर्व से बाघ गायब होने के काफी समय बाद तक भी वन विभाग ने कोई संज्ञान नहीं लिया. अगर वन विभाग चाहता, तो टाइगर की निगरानी सैटेलाइट के जरिए की जा सकती थी. क्योंकि बाघ के कॉलर आईडी लगी थी.
बाघ के अंतिम संस्कार की तैयारी करते वन विभाग के कर्मचारी. बाघ पी-234 हीरा बना शिकारियों का निवाला
बताया जा रहा है कि सतना वनमंडल के बरौंधा रेंज से सात किमी की दूरी पर बाघ पी-234 हीरा दशहरे पर ही शिकारियों का शिकार बन गया. धान के खेत के चारों ओर विद्युत तार की चपेट में आने से बाघ की मौत हो गई. बाघ की मौत के बाद किसान रामप्रकाश ने चर्मकार को बुलाकर उसकी खाल उतरवा ली, शरीर तालाब में बहा दिया और कॉलर आईडी भी वहीं फेंक दी.
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जुलाई के बाद वन विभाग अब कुंभकरण की नींद से जागा है, और मौके पर पहुंचकर मामले की जांच में जुट गई है. वहीं इस पूरे मामले में वन अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. अगर वन विभाग ने अलर्ट होता तो आज पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघों की जोड़ी नहीं टूटती. वहीं वन अधिकारी एके सिंह से जब इस संदर्भ में बात की गई तो वह कोई संतोष जनक जवाब नहीं दे सके. उन्होंने कहा कि जांच की जा रही है.