सतना।पाकिस्तान से भारत की ओर रुख किए टिड्डी दल ने देशभर के किसानों के सामने अपनी फसल बचाने की चुनौती खड़ी कर दी है. वहीं प्रदेश के सतना जिले में पांचवी बार टिड्डी दल ने हमला किया. करोड़ों की तादाद में आ रहे टिड्डी दल जिले के गांव से अब शहर के बीच पहुंच चुका है. इस टिड्डी दल ने हरी सब्जियों और फलदार पौधे सहित कई पौधों पर अपना कहर बरपाते हुए पूरे जिले में अब तक करीब 25 प्रतिशत नुकसान कर दिया है. वहीं अब इस दल को नष्ट करने के लिए कृषि विभाग की टीम दिन-रात मुस्तैद है. ETV भारत से खास बात में कृषि विभाग के उपसंचालक बीएल कुरील ने टिड्डी दल के कहर से बचाव के लिए विभाग द्वारा किए जा रहे उपायों के बारे में बताया.
सतना में पांचवी बार टिड्डी दल का हमला ये भी पढ़ें-टिड्डी दल ने सतना में मचाया आतंक, गांव से पहुंचा शहर
सतना जिले में करोड़ों की तादाद में पहुंचे टिड्डी दल का पांचवीं बार हुआ हमला अब गांव के बजाए शहर के बीचों-बीच हुआ. बुधवार की देर शाम टिड्डी दल ने शहर के अंदर कई इलाकों में डेरा डाला, जिसे नष्ट करने के लिए सुबह से ही कृषि विभाग की टीम कीटनाशक दवा का छिड़काव करने फायर ब्रिगेड के जरिए शहर के कोने-कोने में पहुंची. इस दौरान लाखों की संख्या में तेजी से टिड्डी दल को नष्ट भी किया गया, इसके बावजूद भी इस दल का हमला शहर के अंदर बना हुआ है.
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ETV भारत से बातचीत के दौरान कृषि उपसंचालक बीएल कुरील ने बताया कि जिले में टिड्डी दल का ये पांचवी बार हमला है. अब जिले के गांव के अलावा शहर भी इस हमले में शामिल हो चुके हैं. सतना जिले के नागौद, मैहर, अमरपाटन, रामपुर, कोठी के बाद बुधवार देर शाम टिड्डी दल शहर पहुंचा है. जानकारी के मुताबिक जिले में अब तक टिड्डी दल के हमले से करीब 25 प्रतिशत नुकसान साग-सब्जियों और पौधों को पहुंचा हैं. टिड्डी दल को खत्म करने के लिए जिले के आठ विकासखंड में SDO लगे हुए हैं.
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कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर वक्त रहते हालात पर काबू नहीं पाया गया तो आगामी खरीफ की फसलों को ये टिड्डी दल भारी क्षति पहुंचा सकता है. वहीं इस टिड्डी दल ने किसान, कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ ही जिला प्रशासन की भी चिंता बढ़ा दी है. हालांकि टिड्डी दल के लेकर प्रशासन ने पहले ही हाई अलर्ट जारी कर दिया था. साथ ही लगातार किसानों को समझाइश दी जा रही है कि टिड्डी दल को थाली बजाकर, डीजे बजाकर या पटाखे फोड़ कर भगाया जा सकता है.
बता दें, एक टिड्डी एक बार में करीब आठ हजार अंडे देता है, जो करीब 25 दिनों में तैयार हो जाते हैं. वहीं टिड्डी दल जहां भी जाता है, वहां अपने अंडे जरूर छोड़ता है. ऐसे में कहीं न कहीं टिड्डी दल का हमला सतना जिलेवासियों के लिए घातक साबित हो सकता है.