सतना। जिले में एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है. सतना के ऊंचेहरा स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत एक स्टाफ नर्स के पति की ऊंचेहरा स्वास्थ्य केंद्र में ही बुधवार को कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो गई थी, लेकिन उसे शव को ले जाने के लिए कोई भी न शव वाहन नहीं मिला. आखिरकार नगर परिषद के कचरा वाहन (ट्रैक्टर) में शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया.
महिला नर्स को नहीं मिला अपने अस्पताल से ही पति का शव ले जाने के लिए वाहन
सतना के ऊंचेहरा स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत एक स्टाफ नर्स के पति की ऊंचेहरा स्वास्थ्य केंद्र में ही बुधवार को कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो गई थी, लेकिन उसे शव को ले जाने के लिए कोई भी न शव वाहन नहीं मिला. आखिरकार नगर परिषद के कचरा वाहन (ट्रैक्टर) में शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया.
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- पहले भी कई बार आए ऐसे मामले
मध्य प्रदेश में यह पहली बार नहीं है जब कोरोना संक्रमण से जान गवाने वाले लोगों के शव को ले जाने के लिए वाहन न मिला हो. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. वहीं, प्रशासन की गाउडलाइन के मुताबिक, अगर किसी कोरोना मरीज की अस्पताल में मौत हो जाती हैं तो उसे कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत पीपीई पहनकर पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ उसके शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाता है. लेकिन ऐसा सतना जिले में नहीं हुआ. सतना के ऊंचेहरा स्वास्थ्य केंद्र से मृतक के शव को ले जाने के लिए नगर परिषद के कर्मचारी आधी अधूरी किट पहने थे, इसके साथ ही कुछ लोगों ने तो बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के शव को कचरा वाहन में रखवाया और दाह संस्कार के लिए ले गए. जिले में इस प्रकार की लापरवाही से संक्रमण तेजी से फैलने का डर बना हुआ है और इस लापरवाही पर जिला प्रशासन ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है.