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पिछले साल की अपेक्षा पांच फीसदी सड़क दुर्घटनाओं में आई कमी

सतना में पिछले 2 सालों में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े चौंकाने वाले हैं.गत वर्ष की अपेक्षा इस साल सड़क दुर्घटनाओं में कमी तो आई है, लेकिन उसकी वजह लॉकडाउन रहा है.

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Published : Dec 31, 2020, 11:05 PM IST

सतना। जिले में पिछले 2 सालों में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. साल 2019/20 में कुल 2140 घायल, जिसमें 872 मौतें हुई हैं. हालांकि गत वर्ष की अपेक्षा इस साल सड़क दुर्घटनाओं में कमी तो आई है, लेकिन उसकी वजह लॉकडाउन रहा है. लॉकडाउन होने के बावजूद पिछले साल की अपेक्षा सड़क दुर्घटना का प्रतिशत कुछ खास कम नहीं है.

सड़क दुर्घटनाओं में आई कमी

प्रदेश के जितने सैनिक युद्ध में शहीद नहीं हुए, उससे ज्यादा मौतें सतना जिले में सड़क हादसों में होती हैं.सतना जिले में पिछले 2 सालों में होने वाले सड़क हादसे के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. इन आंकड़ों को देख कर यह साफ तौर पर जाहिर होता है कि शासन प्रशासन की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरीके से फेल हो चुकी है. जिले में वर्ष 2019/ 20 में होने वाले सड़क हादसों के आंकड़ों को हम आपको बताते हैं.

पिछले दो सालों के आंकड़े

सतना जिले में साल 2019 में 1578 सड़क हादसे हुए. जिसमें 1120 व्यक्ति घायल हुए हैं और 480 लोगों की मौत हुई है. साल 2020 में 1406 सड़क हादसे हुए, जिसमें 1020 व्यक्ति घायल हुए और 392 लोगों की मौत हुई है. वहीं साल 2019/20 में कुल 2140 घायल हुए, जिसमे 872 मौतें हुई हैं.

हालांकि पिछले साल की अपेक्षा इस साल सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है, लेकिन उसकी मुख्य वजह लॉकडाउन है. लॉकडाउन होने के बावजूद भी जिस प्रकार से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आनी चाहिए, वह कहीं भी नजर नहीं आ रही है. गत वर्ष की अपेक्षा इस साल मात्र 5प्रतिशत कमी दिखाई दी है. ऐसे में साफ तौर पर सतना जिले में बेलगाम यातायात की वजह से हादसे होना जाहिर हो रहा है. लेकिन प्रशासन की नजरों में अभी भी पट्टी बंधी हुई है.

जमीनी हकीकत कुछ और

हर साल पुलिस प्रशासन द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के दावे किए जाते हैं, लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतें सतना में ट्रैफिक के लिए एक बड़ा चैलेंज है. जिले में होने वाली ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं हाईवा और डंपर की वजह से हुई है. इसके अलावा चार पहिया वाहन और दोपहिया वाहनों से हुए हैं. ज्यादातर हादसे नेशनल हाईवे मार्ग में वाहनों की रफ्तार तेज होने की वजह से सामने आए हैं. कुछ हादसे नशे में वाहन चलाने से सामने आए हैं. कुछ हादसे ओवरलोड सवारी के भी सामने आए हैं. पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार ओवरलोड वाहन शराब पीकर वाहन चलाने वाले लोगों पर कार्रवाई तो की जा रही है. लेकिन कार्रवाई को देख कर ऐसा लगता है कि केवल वसूली के लिए की जाती है.

इस मामले पर सतना पुलिस अधीक्षक ने खुद स्वीकारा है कि सतना जिले में ज्यादातर क्राइम सड़क दुर्घटनाओं के सामने आए हैं. जो एक बड़ा मेजर चैलेंज है. सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सतना पुलिस अधीक्षक ने दावा किया है कि अभी तक जिले में 22 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं. जिसके आधार पर ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार लाने का प्रयास किया जाएगा. जिससे जिले भर में होने वाली घटनाओं से बचा जा सके. इसके साथ ही जिन बड़े वाहनों से सड़क दुर्घटनाएं हो रहे हैं, उन वाहनों के ड्राइवर एवं परमिट को निरस्त करने का प्रस्ताव हम भेज रहे हैं.

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