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Satna Food Poising Case: चित्रकूट एकलव्य आवासीय विद्यालय में दो दर्जन से अधिक बच्चों को तबियत बिगड़ी, सभी अस्पताल में भर्ती

Chitrakoot Students Eating Poisonous Food: सतना जिले के चित्रकूट के एकलव्य आवासीय विद्यालय में दो दर्जन से अधिक बच्चों को तबियत बिगड़ गई, इसके बाद सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिलहाल बच्चों का इलाज जारी है.

Food Poising Case
फूड पॉइजनिंग केस

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 8, 2023, 10:04 AM IST

सतना। जिले की धार्मिक नगरी चित्रकूट में स्थित एकलव्य आवासीय विद्यालय में करीब 2 दर्जन छात्र छात्राएं अचानक भोजन खाने के बाद बीमार पड़ गई, जिन्हें आवासीय विद्यालय के प्रबंधन द्वारा आनन-फानन में जानकी कुंड अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां बच्चों का उपचार किया जा रहा है. प्रथम दृष्टया दूषित भोजन करने से बच्चों की तबीयत बिगड़ी है और ये फूड प्वाइजनिंग बताया जा रहा है, हालांकि इस मामले पर आवासीय विद्यालय प्रबंधन मीडिया के सामने आने से बचत हुआ नजर आ रहा है.

फूड पॉइजनिंग के बाद अस्पताल में भर्ती हुए बच्चे:मध्य प्रदेश के सतना जिले की धार्मिक नगरी और भगवान श्रीराम की तपोभूम चित्रकूट के एकलव्य आवासीय विद्यालय मे शनिवार की देर रात उस वक्त हड़कंप मच गया, जब आवासीय विद्यालय में अध्ययन करने वाले करीब दो दर्जन छात्र छात्राओं की अचानक तबियत बिगड़ गई. बच्चों की तबीयत इस कदर बिगड़ी कि उनकी जान पर बन आई, आनन-फानन में स्कूली छात्राओं को इलाज के लिए चित्रकूट में स्थित जानकी कुंड चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है. जहां बच्चों का हालत नाजुक बताई जा रही है.

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सवालों से बचता नजर आया स्कूल प्रशासन:जानकारी के मुताबिक बच्चों ने शनिवार की देर शाम आवासीय विद्यालय में भोजन किया था, उसके बाद वह अपने कमरे में जाकर सोने चले गए थे. लेकिन अचानक बच्चों की जोर-जोर से चिल्लाने की आवाज सामने आने लगी और कुछ बच्चों ने पेट दर्द की शिकायत की. इसके अलावा कुछ बच्चों को चक्कर आने लगा और बच्चे परेशान होने लगे. आवासीय विद्यालय में मौजूद स्टाफ के द्वारा विद्यालय के प्राचार्य और शिक्षकों को जानकारी दी गई, जहां से विद्यालय प्रबंधन द्वारा बच्चों को उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती कराया गया. जैसे ही बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, वहां विवाद की स्थिति भी बनी. सबसे बड़ी बात यह है कि आवासीय विद्यालय प्रबंधन से इस मामले पर जब मीडिया ने बात करनी चाही तो विद्यालय प्रबंधन इस मामले से मीडिया के नजरों से बचत हुआ नजर आया और कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

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