सतना।जिले के मैहर के जीतनगर में पुलिस को 12 नवम्बर 2021 को झाड़ियों में एक नवजात लावारिस हालत में मिला था. पुलिस ने नवजात को दस्तयाब कर जिला अस्पताल में भर्ती कराया और फिर इसकी सूचना चाइल्डलाइन को दी. घटना के दूसरे दिन एक युवक और युवती मैहर थाना पहुंचे और खुद को बच्चे का माता-पिता बताया. पुलिस ने बच्चे को सीधा देने से इनकार कर दिया. उल्टा नवजात को झाड़ियों में फेंकने के जुर्म में पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा पंजीबद्ध कर लिया.
दोनों को मिली 6 माह की सजा :कोर्ट ने दोनों को 6 माह की सजा सुनाई थी. जिला बाल कल्याण समिति के आदेश के बाद बच्चे को मातृछाया भेज दिया गया. सजा होने से पहले बच्चे की मां जिला बाल कल्याण समिति पहुंचकर चेयरपर्सन राधा मिश्रा से मिली और बच्चा वापस लेने की इच्छा जाहिर की. बाल कल्याण समिति ने न्यायालय को पत्र लिखकर मां-बाप की सजा कम करने का आग्रह किया और साथ में यह भी गुजारिश की कि डीएनए टेस्ट के जरिये मां-बाप होने की पुष्टि करने का आदेश दिया जाएं. लिहाजा, कोर्ट ने पुलिस को बच्चा समेत मां-बाप का डीएनए टेस्ट कराने के निर्देश जारी किए.