सतना। कोरोना वायरस को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान जिले के उचेहरा ब्लॉक ग्राम जिगनहट के स्कूल के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों ने अनोखा काम किया है. क्वॉरेंटाइन सेंटर प्रवासी मजदूर जब यहां बोर होने लगे तो उन्होंने स्कूल की रंगाई पुताई काम शुरू किया और स्कूल को वंदे भारत एक्सप्रेस यानी ट्रेन की सूरत दे डाली.
मजदूरों ने बदली स्कूल की सूरत लॉकडाउन के बीच ग्राम जिगनहट के स्कूल को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया था. इस सेंटर में बाहर से आने वाले मजदूरों को 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किया जाता था. जिले से रोजी रोटी कमाने गए प्रवासी मजदूरों के वापस आने पर उन्हें इस सेंटर में रखा गया.
जिला शिक्षा अधिकारी ने की मजदूरों की तारीफ जहां प्रवासी मजदूरों ने स्कूल की सूरत बदलने की ठान ली. लॉकडाउन के दौरान करीब 87 श्रमिकों को इस विद्यालय में रोका जा चुका है, जिसमें करीब 10 श्रमिकों ने मिलकर विद्यालय का मॉडल बदलने के लिए सरपंच से गुहार लगाई. जिसके बाद सरपंच ने जिला प्रशासन के सामने मजदूरों की मांग रखी.
जिला प्रशासन की अनुमति मिलने के बाद सरपंच द्वारा प्रवासी मजदूरों को स्कूल का मॉडल बदलने के लिए आवश्यक सामग्री को उपलब्ध कराया. प्रवासी मजदूरों की माने तो लॉकडाउन की वजह से ट्रेनें बंद थी. ऐसे में मजदूरों को अपने घर पहुंचने के लिए कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा. इसी सोच को लेकर हमने स्कूल को ट्रेन की शक्ल दी है. जिसका नाम दिया है वंदे भारत एक्सप्रेस.