सतना।कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी (National General Secretary Priyanka Gandhi) बुधवार को अल्प प्रवास पर चित्रकूट पहुंची. यहां उन्होंने सबसे पहले मतगजेंद्र नाथ शिव मंदिर (Matgajendra Nath Shiva Temple) पहुंचकर पूजा अर्चना किया. फिर भगवान कामतानाथ (Lord Kamtanath) के दर्शन किए. प्रियंका ने इस दौरान 5 किलोमीटर की कामदगिरि पर्वत की नंगे पैर मौन रखकर परिक्रमा लगाई. इसके बाद रामघाट में महिलाओं से जनसंवाद करने पहुंची. प्रियंका ने मन्दाकिनी नदी में नाव पर बने मंच से महिलाओं को संबोधित किया. एमपी और यूपी के बार्डर पर हुए इस कार्यक्रम को 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' नाम दिया गया.
'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' का बताया मतलब
इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं यहां कहने आई हूं कि 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' इसका मतलब क्या है. प्रियंका ने कहा कि महिलाओं ने हर संघर्ष में मजबूती से अपने लिए लड़ाई लड़ी है. आज प्रदेश की स्थिति बहुत खराब है, आज ज्यादा संघर्ष महिलाएं कर रही है. आप सभी अपने घरों में महंगाई का बोझ उठा रही हैं. 250 रुपए सरसों का तेल मिल रहा है. आपको सरकार ने एक मुफ्त का सिलेंडर तो दे दिया, लेकिन उसे भरवाएगा कौन? आप उस सिलेंडर को भरवा नहीं पा रहे हैं, क्योंकि नया सिलेंडर 1000 रुपए का मिल रहा है.
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प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार ने यह सोच रखा कि महिलाओं को तोहफे देकर सब काम पूरे हो जाएंगे. सरकार नारी की शक्ति को पहचाना नहीं चाह रही. आपके क्षेत्र में पानी की व्यवस्था नहीं है. एक-एक नल से कई लोग पानी के लिए जूझ रहे हैं. उद्योगों का आभाव है, बेरोजगारी है.
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