सतना।जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर धारकुंडी आश्रम में प्रकृति और आध्यात्म का अनुपम रूप देखने को मिलता है. सतपुड़ा के पठार की विंध्यांचल पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित धारकुंडी में प्रकृति की अनुपम छटा दिखाई देती है. यहां पर गुरू पूर्णिमा के दिन हजारों की तादाद में भक्तों का मेला लगता है और यहां स्वामी सच्चिदानंद महाराज के परमहंस आश्रम में भव्य भंडारे का भी आयोजन किया जाता है, लेकिन इस साल कोरोना के चलते यहां गुरू पूर्णिमा नहीं मनाई जा रही है. साथ ही इस आश्रम में प्रवेश के लिए 31 जुलाई तक प्रतिबंध लगा दिया गया है.
आश्रम में भक्तों के आने पर लगा प्रतिबंध
धारकुंडी आश्रम में जो भी भक्त आता है, वह भूखा वापस नहीं जाता है. पूरे देश में फैली कोविड-19 की महामारी की वजह से इस परमहंस आश्रम में भक्तों को आने के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है. अपील की गई है कि सभी भक्त अपने घरों से ही भगवान की पूजा अर्चना करें और जैसे ही स्थिति सामान्य होगी तब आश्रम के अंदर भक्तों को आने की अनुमति दी जाएगी. सतना जिले के अंदर ये धाम गुरू पूर्णिमा के दिन बहुत ही शुभ माना जाता है. कहते हैं जो भक्त मन से इस धाम में आकर स्वामी सच्चिदानंद महाराज की पूजा-अर्चना करता है उसकी हर मनोकामनाएं पूरी होती है.