सतना। शहर की अमरपाटन तहसील में करीब आधा दर्जन सरकारी स्कूलों में कई सालों से रोड़ नहीं बनने के चलते छात्र परेशान हैं. शिक्षक और स्कूली छात्र बारिश के मौसम में स्कूल तक पहुंचने के लिए कीचड़ भरे रास्तों पर चलने को मजबूर होते हैं. जिससे लगातार सरकारी स्कूलों में बच्चों की कमी हो रही है हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की दलील है कि इस शिक्षण सत्र में सभी स्कूलों के स्थलों का निरीक्षण कराया जा रहा है.
यहां सरकारी स्कूलों तक पहुंचना है मुश्किल, कीचड़ भरे रास्ते से जाने को मजबूर नौनिहाल
सतना में प्रशासन की उदासीनता के कारण अमरपाटन के आधा दर्जन सरकारी स्कूलों में सड़क नहीं होने के चलते बच्चे स्कूलों में कीचड़ भरे रास्तों से जाने को मजबूर हैं जिससे सरकारी स्कूलों में लगातार छात्रों की कमी हो रही है.
शहर में एक दर्जन से ज्यादा ऐसे सरकारी स्कूल है, जहां स्कूल भवन तो है शिक्षक भी है और बड़ी संख्या में छात्र भी लेकिन बच्चों के लिए स्कूल तक पहुंचना किसी जंग जीतने से कम नहीं हैं. दरअसल स्कूल तक पहुंचने के लिए कोई सड़क ही नहीं है. बरसात के मौसम में तो हालात और भी ज्यादा खराब हो जाते हैं. ये समस्या कई सालों से है जो लगातार बढ़ती जा रही है. जबकि प्रशासन समस्या के निदान करने का दावा तो करता है लेकिन समस्या का स्थाई हल नहीं निकाल पा रहा है
बता दें अमरपाटन के रामगढ़,मैहर के कंचनपुर,जरियारी, नागौद के बरेठिया,मड़ई के साथ चित्रकूट के आधा दर्जन स्कूलों में लाखों रुपये खर्च कर स्कूल भवन तो बना दिया गया लेकिन स्कूल तक पहुंचने के सड़क नहीं बनी. कुछ जगहों पर निजी भूमि समस्या बन रही. तो कुछ जगहों पर सरकारी जमीनों पर दबंगों का कब्जा है.
हालांकि शिक्षा अधिकारी टीपी सिंह कहना है कि उनके द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है जिसके बाद चिन्हित रास्तों पर सड़क के लिए कलेक्टर के पास फाइल भेजी जाएगी. ताकि इस समस्या का स्थाई निदान किया जा सके.