सतना। मुकुंदपुर टाइगर सफारी में एक बाघ की मौत हो गई है. 4 साल पहले शहडोल जिले के घुंनघुटी से इस बाघ को रेस्क्यू किया गया था. जिसके बाद से ही बाघ का मुकुंदपुर में इलाज चल रहा था. जिसकी शनिवार को मौत हो गई, बाघ की मौत के बाद वन विभाग ने गुपचुप तरीके से उसका पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार कर दिया.
मुकुंदपुर टाइगर सफारी में बाघ की मौत, वन विभाग ने गुपचुप तरीके से कराया अंतिम संस्कार - बाघ की मौत
सतना जिले के मुकुंदपुर टाइगर सफारी में एक बार फिर शनिवार को एक बाघ की मौत हो गई है. जिसका वन विभाग ने पोस्टमार्टम करवाकर गुपचुप अंतिम संस्कार कर दिया.
इससे एक महीने पहले चित्रकूट के जंगल में भी एक नर बाघ की मौत हुई थी. जिसके बाद एक बार फिर मुकुंदपुर टाइगर सफारी में में शनिवार को एक ओर बाघ की मौत हो गई. ये वही बाघ था जो 2018 में सफारी में शिप्ट किया गया था. बाघ को 2016 में शहडोल के घुनघुटी वन रेंज रेल्वे ट्रैक के पास घायल मिला था, जिसे रेस्क्यू कर बाधवगढ़ रिजर्व फारेस्ट में रखा गया था औऱ फिर 2018 में मुकुंदपुर सफारी में शिप्ट किया गया था.
बताया जा रहा है कि बाघ वृद्ध हो चुका था और पिछले कई दिनों से बीमार था. हालांकि बाघ के पीछे के हिस्से में घाव के निशान भी हैं, वन अमले में गुपचुप तरीके से बाघ का पीएम कराया और टाइगर सफारी में ही बाघ का अंतिम संस्कार कर दिया. वहीं बाघ की मौत के मामले में मुकुंदपुर टाइगर सफारी के अधिकारी मीडिया के सामने आने से बच रहे हैं.