सतना। गांव के दबंगों द्वारा एक दलित महिला जिंदा को आग के हवाले कर देने का मामला सामने आया है. आरोपियों ने महिला को पहले तो जमकर पीटा फिर केरोसिन डालकर उसे जिंदा जला दिया. किसी तरह महिला के परिजनों ने आग बुझाकर उसे नागौर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उसे सतना जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. जिला अस्पताल में इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई. इतनी बड़ी घटना के बावजूद तकरीबन 18 घंटे तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंची.
जिला अस्पताल में इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई.
भले ही बड़ी वारदात के बाद भी पुलिस मौके पर 18 घंटे तक नहीं पहुंची लेकिन नागौद एसडीओपी से मामले में बात करने की कोशिश की गई तो वो कुछ बोलने की बजाय नजरें बचाकर वहां से नकल गए. मामले की गंभीरता से लेते हुए सतना एसपी मौके पर पहुंचे और जांच कर कार्रवाई करने की बात कही.
मामला सतना जिले के नागौद तहसील में आने वाले गिंजारा गांव का है, बताया जा रहा है कि दबंगों ने महिला को जमीनी विवाद के चलते केरोसिन डालकर जिंदा जला दिया, जिसके बाद महिला को आनन-फानन में गांव के ग्रामीणों द्वारा नागौर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.
मीडिया से बचती रही पुलिस
जानकारी के मुताबिक गांव के दबंग और महिला के बीच में खेत की बाड़ी लगाने को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद इस घटना को अंजाम दिया गया है. जिला अस्पाताल में जब महिला ने अपना दम तोड़ा तब तहसीलदार मौके पर मौजूद थे, लेकिन महिला का बयान नहीं ले पाए. वहीं पुलिस का कोई वरिष्ठ अधिकारी भी जिला अस्पताल नहीं पहुंचा. मौके पर पहुंचे एसडीओपी रवि शंकर पांडे से जानकारी मांगी गई तो वे कैमरा देख भाग खड़े हुए और जानकारी देने से बचते हुए नजर आए.
क्या कह रहे हैं एसपी
मामला बढ़ते देख जब पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल मौके पर पहुंचे. इस बारे में उनका कहना है कि मामले की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी, वहीं समय पर पुलिस और किसी सरकारी मदद के न पहुंचने को लेकर एसपी ने कहा कि इतनी बड़ी घटना की जानकारी समय पर वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी गई, जिसके बारे में एसडीओपी नागौद से जांच रिपोर्ट मांगी गई है. एसपी इकबाल ने कहा है कि घटना में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
परिजनों ने किया हंगामा
दलित महिला को जिंदा जलाने के मामले में सियासत भी शुरु हो गई है. मृतिका के परिजनों के साथ बहुजन समाज पार्टी के नेता और कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तब तक पोस्पीटमार्टम नहीं कराया जाएगा. इसको लेकर जिला अस्पताल में दलित समाज और बहुजन समाज पार्टी द्वारा हंगामा भी किया गया.