MP Chunav 2023: RSS के कार्यक्रम में शामिल हुए जिलाधिकारी, किया ध्वज प्रणाम, कांग्रेस बोली- कैसे करा पाएंगे निष्पक्ष चुनाव - विवेक तंखा
सतना में विगत 11 जून को हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में जिला कलेक्टर एवं निगम कमिश्नर के कार्यक्रम में शामिल होना एवं ध्वज को प्रणाम करना, सियासी मुद्दा बन चुका है, कांग्रेस के दिग्गज नेता विवेक तंखा ने निर्वाचन आयोग से टि्वटर अकाउंट के जरिए ट्वीट कर इन पर कार्रवाई करने की मांग की है.
सतना में आरएसएस का कार्यक्रम
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Published : Jun 18, 2023, 8:11 PM IST
भोपाल। सतना में आरएसएस के कार्यक्रम में कलेक्टर अनुराग वर्मा और नगर निगम आयुक्त राजेश शाही के शामिल होने को लेकर सियासत गर्मा गई है. कांग्रेस ने इसे बेहद आपत्ति जनक बनाते हुए सवाल उठाया है कि क्या ऐसे में निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद कैसे रखी जाए. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और राज्य सरकार सांसद विवेक तन्खा ने चुनाव आयोग से मामले में कार्रवाई करने की मांग की है. कांग्रेस ने इससे जुड़ी तस्वीर भी शेयर की है.
नगर निगम आयुक्त राजेश शाही और कलेक्टर अनुराग वर्मा
कांग्रेस सांसद ने ट्वीट की तस्वीर:कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने सतना में आरएसएस के कार्यक्रम की तस्वीर शेयर की. इस तस्वीर में सतना जिले के कलेक्टर अनुराग वर्मा और नगर निगम आयुक्त राजेश ध्वज को प्रणाम करते हुए दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने लिखा कि आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होकर ध्वज प्रणाम करने की तस्वीर सतना कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त की है. ऐसे रिश्तों से लोक अधिकारी निष्पक्ष चुनाव कैसे करा पाएंगे.
तन्खा ने कार्रवाई करने की मांग हुए लिखा कि चुनाव आयुक्त ऐसे अधिकारियों को चुनाव संबंधित तैयारियों से दूर रखें. उन्होंने लिखा कि मध्यप्रदेश के चीफ सेक्रेटरी से अपेक्षा है कि ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई करें. क्या मुख्य सचिव ऐसा करेंगे. उनको रिटायरमेंट के बाद दूसरा एक्सटेंशन दिया गया है. राज्य की 8 करोड़ जनता अधिकारियों से निष्पक्षता की अपेक्षा रखती है, जो अधिकारी राजनीति करेंगे, उनके सितारे गर्दिश में जरूर जाएंगे.
दिग्विजय सिंह ने भी निशाना साधा:उधर इस मामले को लेकर दिग्विजय सिंह ने भी सरकार को घेरा. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि बीजेपी ने पूरी संवैधानिक व्यवस्था को बर्बाद कर दिया है. मुख्य सचिव महोदय से तो हमें कोई उम्मीद नहीं है फिर भी देखते हैं कि आप कितने निष्पक्ष हैं. हालांकि अधिकारियों से इस संबंध में चर्चा करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं पाया. वैसे इसके पहले भी कई अधिकारियों की इस तरह की तस्वीरें सामने आ चुकी है. अब देखना होगा, इस मामले में शासन और चुनाव आयोग कितनी गंभीरता दिखाता है.