सतना। मध्यप्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट में चल रहा संघ का चिंतन शिविर संपन्न हो गया है. संघ प्रमुख डॉक्टर मोहन भागवत भी चित्रकूट के आरोग्यधाम में आयोजित पांच दिवसीय चिंतन शिविर में शामिल हुए. वहीं संघ प्रमुख से मिलने के लिए चित्रकूट से कांग्रेस विधायक निलांशु चतुर्वेदी ने पत्र लिखा है, जोकि चर्चा का विषय बना हुआ है. विधायक ने बताया कि संघ प्रमुख से मिलने का उद्देश्य चित्रकूट की समस्याओं से उन्हें अवगत कराना है.
रामभद्राचार्य ने RSS चीफ के DNA वाले बयान को ठहराया गलत, योगी सरकार के कामकाज पर नाराजगी
नीलांशु चतुर्वेदी ने बताया कि हमारा धर्म है कि अगर कोई अतिथि आ रहा है तो चित्रकूट की चिंता उसके सामने व्यक्त करने के लिए उनसे समय मांगा है, अभी तक उनके पास कोई भी जानकारी नहीं है, पर दुर्भाग्य यह है कि चित्रकूट के विकास में भगवान राम से जुड़ी हुई चीजों को संरक्षित करने के लिए पिछले 15 साल में को कोई विकास नहीं किया गया है. यह चिंता चित्रकूट की है, यहां सिर्फ राम के नाम पर वोट लेने की लोगों की चिंता है.
15 साल से बीजेपी की सरकार है, मंदाकिनी की दुर्दशा है, रोड की दुर्दशा है, भगवान राम से जुड़ी यादों को खनन के लिए बर्बाद किया जा रहा है, यह बड़े दुर्भाग्य की बात है. इन सभी समस्याओं के चलते संघ प्रमुख से मिलने का समय मांगा था. कथनी और करनी में बहुत फर्क है, चित्रकूट की चिंता किसी को नहीं है. यह चिंतन शिविर सिर्फ इसलिए हो रहा है कि उत्तर प्रदेश में चुनाव बाद कैसे सरकार बने और अन्य राज्यों में भी कैसे सरकार बने.
उत्तर प्रदेश के चुनाव को देखते हुए यहां चिंतन किया गया है, अब विपदा पड़ी है पश्चिम बंगाल में झटका लगा है तो अब डीएनए (DNA) भी एक हो गया है. लगता है जब तक सरकार नहीं बनी थी, बंगाल से झटका लगा तो हिंदू-मुस्लिम का डीएनए एक हो गया. ओवैसी का भी डीएनए शायद यही होना चाहिए. जो एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. यह सब राजनीतिक बातें हैं. संघ प्रमुख से मिलने का समय मांगा है, अगर समय मिलेगा तो यह मेरा सौभाग्य होगा. मैं चित्रकूट की असलियत उन्हें बताउंगा.