मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

'रोड नहीं तो वोट नहीं' मूलभूत सुविधाएं न मिलने पर उपचुनाव से पहले सतना में हुआ मतदान का बहिष्कार - तहसीलदार शैलेंद्र शर्मा

खडौरा गांव के लोग ग्राम पंचायत से राष्ट्रीय राजमार्ग झाली को जोड़ने वाली करीब 3 किलोमीटर की जर्जर सड़क को सुधारने के लिए कई समय से मांग कर हैं. ग्रामीणों ने कहा कि आजादी के बाद से रोड बनी ही नहीं है. जो थोड़ी बहुत रोड थी वह खराब हो चुकी है.

boycott voting
मतदान का बहिष्कार

By

Published : Jun 26, 2021, 6:00 PM IST

सतना।बीजेपी विधायक जुगल किशोर बागरी (Gugal kishore Bagri) के निधन के बाद रैगांव विधानसभा (Raigaon Assembly By-Election) सीट पर उपचुनाव होने हैं. उपचुनाव को लेकर तैयारियां भी शुरु हो चुकी हैं, लेकिन उपचुनाव से पहले स्थानीय लोगों ने चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. यह बहिष्कार खडौरा गांव के लोग कर रहे रहे हैं. गांव में अच्छी सड़क समेत मूलभूत सविधाएं न मिलने के कारण ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार का निर्णय लिया है. इसके अलावा ग्रामीणों ने अपने क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों को घुसने नहीं देने की बात भी कही है.

मतदान का बहिष्कार
  • 2500 मतदाताओं को प्रभावित करेगी सड़क

रैगांव विधानसभा से विधायक जुगल किशोर के निधन के बाद ग्रामीणों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के कामकाज को लेकर खासा आक्रोश है. खडौरा गांव के निवासी ग्राम पंचायत से राष्ट्रीय राजमार्ग झाली को जोड़ने वाली करीब 3 किलोमीटर की जर्जर सड़क को सुधारने के लिए कई समय से मांग कर हैं. गांव के लोगों के मुताबिक, यह सड़क आसपास के करीब 5 गांवों को जोड़ती है जिसमें खडौरी, नौगढ़कला, नौगढ़खुर्द, देवरी शामिल हैं. इन गावों की आबादी करीब 3500 है और उनमें से 2500 मतदाता भी हैं. ग्रामीणों के मुताबिक, वह स्थानीय जनप्रतिनिधि विधायक-सांसद के अलावा प्रशासन तक को अपनी समस्या बता चुके हैं, लेकिन 40 वर्षों से इस सड़क का सुधार नहीं हुआ है.

  • ऐसे झलका ग्रामीणों का दर्द

खडौरा गांव के बुजुर्ग रामकृष्ण अहिरवार बताते हैं कि करीब 40 साल से इस रोड पर कोई सुधार नहीं हुआ है. जब रोड पर पानी भर जाता है तो इससे गुजरना मुश्किल हो जाता है. गांव में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर उन्हें झाली जाना पड़ता है और इस जर्जर सड़क के कारण उन्हें 12 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तक वहां पहुंचना पड़ता है. उन्होंने कहा कि किसी भी पार्टी की सरकार आने पर यह दिलासा दिलाया जाता है कि यह सड़क बन जाएगी, लेकिन आज तक यह रोड नहीं बन पाई, इसलिए हम लोग परेशान हैं. उन्होंने आगे कहा कि रोड बनेगी तो वोट है और अगर रोड नहीं बनेगी तो वोट भी नहीं है.

जहां 27 दिनों तक हुआ श्रीकृष्ण-जामवंत युद्ध, युगों पुरानी है यहां जामवंत की गुफा

  • आजादी के बाद से रोड बनी ही नहीं

खडौरा गांव के एक और ग्रामीण पंकज सिंह कहते है कि यहां आजादी के बाद से रोड बनी ही नहीं है. जो थोड़ी बहुत रोड थी वह खराब हो चुकी है. बरसात में यहां बड़ी दिक्कत रहती है, अगर कोई बिमार हो जाता है तो इस रास्ते वह जा नहीं सकता है. उन्होंने आगे कहा कि इस साल पूरे गांव ने प्रण किया है कि रोड नहीं तो वोट नहीं. हमारे गांव में जब तक रोड नहीं बनेगी तब तक हम वोट डालने नहीं जाएंगे.

  • तहसीलदार ने मामले पर कहा

ग्रामीणों के इस ऐलान के बाद इलाके के तहसीलदार शैलेंद्र शर्मा ने कहा कि ग्रामीणों की इस मांग को वह उच्च अधिकारियों तक पहुंचाएंगे. इस मामले में कोई भी कदम जांच के बाद और उच्च अधिकारियों से बात करने के बाद उठाना संभव हो पाएगा. खडौरा के ग्रामीणों के इस ऐलान के बाद इसका उपचुनावों में खासा असर पड़ सकता है क्योंकि इस इलाके में करीब 2500 मतदाता है जो इस जर्जर सड़क के लिए परेशान हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details