सतना। जिला अस्पताल में ब्लड बैंक की व्यवस्था है. जहां से जरूरतमंदों को ब्लड मिल सके, लेकिन ब्लड बैंक में पदस्त कर्मचारियों ने खून का ही करोबार करना शुरू कर दिया है. यहां पदस्त कर्मचारी गरीबों के नाम पर फर्जी तरीके से ब्लड इशू कर करोबार कर रहे है. ताजा मामला पोषण पुर्नवास केंद्र में भर्ती कुपोषित बच्चों के नाम जारी ब्लड के आकड़ों का है.
सतना: जिला अस्पताल में खुलेआम चल रही है खून की दलाली, ब्लड बैंक के कर्मचारी ही कर रहे हैं ब्लैक मार्केटिंग - mp news
सतना के जिला अस्पताल में ब्लड बैंक से ब्लड की ब्लैक मार्केटिंग की जा रही है. पोषण पुर्नवास केंद्र में भर्ती कुपोषित बच्चों के नाम जारी ब्लड के आकड़ों में ये मामला सामने आया है.
दस्तक अभियान के तहत जिले के अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर स्वास्थ और महिला बाल विकास के कर्मचारियों ने बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराया. जिले के नौ एनआरसी में कुल 289 बच्चे भर्ती किये गए. इन बच्चों में से कई बच्चों को ब्लड की जरूरत थी. ब्लड बैंक से इन बच्चों के लिए 102 यूनिट ब्लड जारी किया गया. मगर 102 यूनिट ब्लड में से चार यूनिट ब्लड ही एनआरसी में भर्ती बच्चों के काम आया और बाकी का 98 यूनिट ब्लड रास्ते से ही गायब हो गया.
सूत्रों की माने तो कुपोषित बच्चों के साथ- साथ कैंसर, थैलसीमिया जैसे गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों की आड़ में खून की ब्लैक मार्केटिंग की जा रही है. दरअसल पिछले 6 माह में 12 रक्त दान शिविरों में 542 यूनिट रक्त का कलेक्सन किया गया, लेकिन स्टॉक में 576 यूनिट रक्त का विरतण दर्षाया गया है. संग्रहित ब्लड और वितरित किये गए ब्लड में 35 यूनिट का अंतर पाया गया.