सतना।मध्यप्रदेश की औद्योगिक नगरी सतना अपनी ऐतिहासिक-सांस्कृतिक विरासत के लिए जानी जाती है, जबकि विंध्य अंचल की सियासत का बड़ा केंद्र भी माना जाता है. सतना लोकसभा सीट पर इस बार का सियासी रण सबसे दिलचस्प माना जा रहा है क्योंकि बीजेपी ने यहां से गणेश सिंह को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने राजाराम त्रिपाठी पर दांव लगाया है.
सतना संसदीय क्षेत्र में बीजेपी का दबदबा माना जाता है. यहां कांग्रेस भी समय-समय पर जीत दर्ज करती रही है, जबकि बसपा प्रत्याशी हर चुनाव में यहां निर्णायक भूमिका अदा करता है. 1967 से अस्तित्व में आई इस सीट पर अब तक 12 आम चुनाव हुए हैं. जिनमें 6 बार बीजेपी तो 4 बार कांग्रेस, जबकि 1-1 बार बसपा और जनसंघ के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है. सतना हमेशा अपने अप्रत्याशित परिणामों के लिए जाना जाता रहा है, 1996 के चुनाव में इस सीट पर सूबे के दो-दो पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह और विजय सकलेचा को बसपा प्रत्याशी सुखलाल कुशवाहा ने हराकर सबको चौंका दिया था.
ग्रामीण-शहरी आबादी में बंटी सतना सीट पर इस बार कुल 15 लाख 63 हजार 435 मतदाता वोट करेंगे. जिनमें 8 लाख 25 हजार 414 पुरुष तो 7 लाख 35 हजार 994 महिला मतदाता हैं. इस क्षेत्र में सतना, मैहर, अमरपाटन, रामपुर-वघेलान, रैगांव, नागौद, चित्रकूट विधानसभा सीटें शामिल हैं. विधानसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर 5 सीटों पर बीजेपी काबिज है तो 2 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. इस लिहाज से इस सीट पर बीजेपी का दबदबा नजर आ रहा है. बीजेपी पिछले पांच चुनावों से यहां लगातार जीत दर्ज करती आ रही है. हालांकि, पिछले आम चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अजय सिंह बीजेपी के गणेश सिंह से मामूली अंतर से चुनाव हारे थे.