सतना। पद्म विभूषित विश्वविख्यात संगीत सम्राट उस्ताद अलाउद्दीन खान संगीत समारोह का 46वां संगीत समारोह का आयोजन 19 से 21 मार्च तक आयोजित किया जाएगा. यह आयोजन प्रतिवर्ष मैहर में किया जाता है. इसमें देश प्रदेश के प्रख्यात कलाकार अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां देंगे. यह आयोजन रात आठ बजे से स्टेडियम ग्राउंड मैहर में होगा.
कौन थे बाबा अलाउद्दीन खान
अलाउद्दीन बाबा को भारतीय संगीत का पितामह कहा जाता है. माना जाता है कि बाबा ने ही भारतीय संगीत के सबसे बड़े घरानों में से एक मैहर घराने की नींव रखी थी. मैहर घराना नाम इसी वजह से पड़ा है. यहां बाबा ने अपना जीवन बिताया है. बाबा अलाउद्दीन खान का जन्म 1881 में शिवपुर गांव में हुआ था. बाबा के पिता का नाम हुसैन खान था, जिसे लोग साधू खान के नाम से भी जानते थे. वे अजीम उस्ताद वजीर खान के शागिर्द थे. वजीर खान सेनिया घराने की एक शाखा के वंशज थे, जिसका उदगम मियां तानसेन की पुत्री की ओर से हुआ था. वे एक बहुप्रसिद्ध सरोद वादक थे. साथ ही अन्य वाद्य यंत्रों को बजाने में भी पारंगत थे. वह एक अतुलनीय संगीतकार और बीसवीं सदी के सबसे महान संगीत शिक्षकों में से एक माने जाते हैं. 1935 में पंडित उदय शंकर के बैले समूह के साथ खान साहब ने यूरोप का दौरा किया और इसके बाद काफी लंबे समय तक उत्तराखंड के अल्मोड़ा मे स्थित 'उदय शंकर इण्डिया कल्चर सेंटर' से भी जुड़े रहे.
1958 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था