सतना।प्रदेश मेंसुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद 2019 में यौन शोषण के लंबित अपराधों की जल्द सुनवाई के लिए प्रत्येक जिले में 60 दिनों के भीतर एक विशेष टीम गठित करने का आदेश दिया गया था. जिसके बाद सतना जिले में 2019 से अभी तक यौन शोषण के करीब 457 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें 445 मामले अभी भी अदालतों में लंबित हैं. इनमें ज्यादातर मामले 16 से 18 वर्ष के उम्र की लड़कियों से यौन अपराध और छेड़छाड़ के हैं.
पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों के लिए विशेष न्यायालय
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिले में अब जिला न्यायालय के साथ-साथ तहसील स्तर पर भी पॉक्सोके लिए विशेष अदालत चलाई जा रही है, पूरे जिले में पॉक्सो एक्ट के मामलों के लिए कुल 5 विशेष अदालतें चलाई जा रही है. इन अदालतों में यौन शोषण के मामलों का जल्द निराकरण करने की बात कही जाती रही है.
नाबालिक बच्चियों के साथ नहीं थम रही अश्लील हरकतें, पुलिस ने किया प्रकरण दर्ज
- एमपी की अदालतों में यौन शोषण के मामलों की स्थिति
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पॉक्सो एक्ट के मामलों को तेजी से निपटाने के लिए कई विशेष अदालतें बनाई गई. इसी कड़ी में सतना जिले में भी पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज यौन शोषण के अपराधों पर जल्द सुनवाई के लिए एडीजे चतुर्थ दीपिका मालवीय की स्पेशल कोर्ट बनाई गई थी, जिसके बाद भी जिले में यौन शोषण के मामलों की सुनवाई में तेजी नही आई है. जानकारी के मुताबिक, जिले में 2019 के अभी तक करीब 457 मामले सामने आए, जिसमें 445 मामलों का निराकरण अभी तक नहीं हो सका है.
- जिले में 2019 से अभी तक पॉक्सोएक्ट के तहत दर्ज मामले की स्थिति
⦁ 2018 में कुल यौन शोषण के लंबित मामले: 282
⦁ 2019 में दर्ज नए मामले: 188
⦁ 2019 में चले कुल मामलों की संख्या: 470
112 मामले में आरोपी आरोपमुक्त हुए, 46 को मिली सजा, 1 की मृत्यु