सागर। कोरोना के चलते जिले की स्वास्थ्य सुविधाएं पटरी से उतर गई हैं. इस बात की गवाही देता एक मामला जिले के बीना शहर से सामने आया है, जहां छत्तीसगढ़ से इलाज के लिए आया एक युवक बीना से सागर जिला मुख्यालय तक चक्कर काट-काट कर परेशान हो चुका है.
कोरोना काल में चौपट हुई स्वास्थ्य सुविधाएं छत्तीसगढ़ से आया हुआ है युवक
मार्च में दवाई लेने आया छत्तीसगढ़ का एक युवक लॉकडाउन से फंसा हुआ है और अपनी बहन के घर महाराष्ट्र जाने के लिए प्रशासन से लगातार गुहार लगा रहा है. बीना के कठाई गांव में छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव का हरीश ईश्वरकर 20 मार्च को दवा लेने के लिए आया हुआ था. उसके बाद लॉकडाउन लागू हो गया, जिस वजह से वह अपने घर वापस नहीं जा पाया और समाज कल्याण केन्द्र बीना में ही रूक गया.
लेकिन कुछ दिन बाद उसकी तबीयत खराब होने पर उसे बीना सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसे हर्निया की शिकायत का पता चला. उसके बाद उसे स्थानीय अस्पताल ने हर्निया के ऑपरेशन के लिए सागर जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया.
लेकिन वहां लॉकडाउन की बात कहकर जिला चिकित्सालय ने ऑपरेशन से इंकार कर दिया. फिर उसे वापस बीना भेज दिया गया. मजबूरन यह तब से ही अस्पताल में पड़ा हुआ है. युवक की हालत पर तरस खाकर उसे कुछ समाजसेवी संस्थाएं दो वक्त की रोटी मुहैया करा देते हैं. लेकिन इलाज नहीं मिलने और बेवजह अस्पताल में वक्त काटने के कारण लाचार युवक प्रशासन से खुद को बहन के यहां भंडारा महाराष्ट्र भेजने की गुहार लगा रहा है.
कोरोना जांच में नेगेटिव आई थी रिपोर्ट
पीड़ित युवक की स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना जांच भी की जा चुकी है, जो नेगेटिव है. इसके बावजूद उसका इलाज नहीं किया गया. इससे ये साफ है कि कोरोना की आड़ में बाकी डॉक्टर मजबूरी में ड्यूटी तो कर रहे हैं. लेकिन लाचार मरीजों का इलाज नहीं कर रहे हैं. जबकि कोरोना के लिए अलग से डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ रिजर्व किए गए हैं.