सागर।शादी के योग्य युवक-युवतियों के लिए बेसब्री से देवउठनी एकादशी का इंतजार रहता है, क्योंकि देवशयनी एकादशी से विवाह और मांगलिक कार्यक्रमों पर विराम लग जाते हैं और देवउठनी एकादशी पर देवताओं के उठते ही शादी विवाह और मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं. इस साल शादी योग्य युवक-युवतियों के लिए देवउठनी एकादशी के बाद भी इंतजार करना पड़ सकता है. दरअसल ग्रह स्थिति और खरमास के कारण ऐसे हालात बने हैं कि मकर संक्रांति तक शादी के सिर्फ चार मुहूर्त हैं. इसके अलावा तीन मुहूर्त दिवालग्न हैं, जिनमें दिन में शादी कर सकते हैं. कुल मिलाकर मकर संक्रांति तक सिर्फ सात विवाह मुहूर्त में शादी हो पाएगी. (Vivah Muhurat 2022)
आखिर क्यों बने ऐसे हालात:देवउठनी एकादशी पर देवता उठ गए हैं और शादी और मांगलिक कार्यों पर लगा विराम हट गया है, लेकिन मौजूदा ग्रह स्थिति के कारण ऐसे हालात बन गए हैं कि फिलहाल 22 नवंबर तक शादी का कोई मुहूर्त नहीं है. ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ श्याम मनोहर चतुर्वेदी बताते हैं कि, "शादी विवाह के लिए गुरु ग्रह और शुक्र ग्रह का उदित अवस्था में होना जरूरी है, फिलहाल की स्थिति में शुक्र ग्रह अस्त चल रहे हैं. शुक्र ग्रह एक अक्टूबर रात 9:34 पर अस्त हो गए थे और अब 22 नवंबर तक रात 8:08 को उदित अवस्था में आएंगे."(shaadi vivah marriage shubh muhurat)