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गर्मी से पहले ही गहराने लगा जलसंकट, पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं 15 गांव के लोग

गर्मी शुरू होने से पहले ही सागर जिले के कई गांवों में पेयजल की समस्या गहराने लगी है. बुदेलखंड पैकेज जल प्रदाय योजना के तहत 33 गांवों का चयन किया गया, लेकिन 15 गांवों में योजना बंद है.

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Published : Feb 16, 2020, 1:12 PM IST

Updated : Feb 16, 2020, 3:25 PM IST

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गर्मी से पहले ही गहराने लगा जलसंकट

सागर। जिले के बंडा क्षेत्र के अनेक गांवों में अभी से ही जलसंकट गहरा गया है. पानी की उपलब्धता न होने और नल जल योजनाओं के बंद होने की वजह से दो दर्जन से अधिक गांवों के लोग पीने के पानी के लिए रोजाना कई किलोमीटर का सफर तय करने पर मजबूर हैं. क्षेत्र में लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों, ठेकेदार एवं पंचायत की मिलीभगत से शासन द्वारा स्वीकृत नल जल योजना का क्रियान्वयन ठीक तरीके से नहीं हुआ, जिसकी वजह से लाखों रुपयों की योजनाओं का लाभ जनता तक नहीं पहुंच पाया.

इलाके में कहीं पर स्त्रोत कुआं अपूर्ण रहा, तो कहीं गहराई स्वीकृति अनुसार नहीं हुई. घटिया टंकी निर्माण के कारण पूरी की पूरी योजना ठप है. ग्रामीण 2 से 3 किलोमीटर दूर से कुओं से पानी लाकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. क्षेत्र में पानी की उपलब्धता कराने के लिए ग्रामीण नलजल प्रदाय योजना एवं बुदेलखंड पैकेज जल प्रदाय योजना के तहत स्वीकृत की गई थी.

गर्मी से पहले ही गहराने लगा जलसंकट

15 गांवों में नल जलयोजना बंद है. जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली 78 पंचायतों में पंचायत स्तर पर भी किसी तरह की सुविधाए नहीं दी जा रही हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में लगे हैडपंपों का जलस्तर गिर जाने के कारण हैंडपंपों ने अभी से दम तोड़ दिया है साथ ही कुछ हैडपंप बंद पड़े हैं. शिकायतों के बावजूद विभाग द्वारा सुधार कार्य नहीं कराया जा रहा है.

ग्रामीण नलजल प्रदाय योजना के तहत 32 गांवों के लिए इस योजना की स्वीकृति है, जिनमें से 12 गांवों में योजना बंद हैं. 6 गांव में पंचायत द्वारा एवं 4 गांव में पावर पंप खराब होने, 2 गांवों में स्त्रोत असफल होने के कारण योजनाएं बंद पड़ी हैं. जानकारी के अनुसार सोरई के रीछई सागर में कुएं में पानी ही नहीं है.

Last Updated : Feb 16, 2020, 3:25 PM IST

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