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सागर में GIS सर्वे से संपत्ति कर में 230% तक की वृद्धि, 85 तरह का डाटा किया जाएगा इकट्ठा - Up to 230% increase in property tax due to GIS survey of municipal area in Sagar

स्मार्ट सिटी सागर ने शहर का GIS सर्वे कराया है. इस सर्वे से शहर का 85 तरह का डाटा इकट्ठा किया गया है. फिलहाल पांच वार्डों में इसे पायलट प्रोजेक्ट की तरह शुरू किया गया है. बादे में इससे पूरे शहर का GIS सर्वे होगा.

सागर में GIS सर्वे से संपत्ति कर में 230% तक की वृद्धि
सागर में GIS सर्वे से संपत्ति कर में 230% तक की वृद्धि

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Published : Oct 6, 2021, 10:55 PM IST

सागर। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत सागर शहर का जीआईएस सर्वे कराया जा रहा है. इस सर्वे के तहत शहर का 85 तरह का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है. शुरुआती दौर में इस सर्वे से जुटाए गए डेटा का उपयोग संपत्ति कर इकट्ठा करने में किया जा रहा है. इस प्रक्रिया के तहत पांच वार्डों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत लिया गया था. जिसमें चौकाने वाले परिणाम सामने आए हैं. संपत्ति कर में इन पांच बातों में 60 से 70 की वृद्धि दर्ज की गई है. खास बात ये है कि एक वार्ड में तो राजस्व वृद्धि 230% दर्ज की गई है. इन परिणामों से उत्साहित सागर नगर निगम में राजस्व संग्रहण की प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटलाइज किया जा रहा है. अगले छह महीनों में पूरी प्रक्रिया का डिजिटलाइजेशन हो जाएगा. इस प्रक्रिया से नगर निगम का राजस्व बढ़ेगा और संपत्तियों का सटीक सर्वे हो सकेगा.

सागर में GIS सर्वे से संपत्ति कर में 230% तक की वृद्धि

स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने किया शहर की संपत्तियों का जीआईएस सर्वे

सागर नगर निगम के आयुक्त और स्मार्ट सिटी लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आरपी अहिरवार ने बताया कि स्मार्ट सिटी द्वारा नगर निगम क्षेत्र की संपत्तियों का जीआईएस सर्वे किया जा रहा है। इस सर्वे के जरिए 85 किस्म के डाटा एकत्रित किए जा रहे हैं। इसमें नगर निगम क्षेत्र की निजी संपत्तियों के अलावा सरकारी संपत्तियां, बैंक, अस्पताल, एटीएम, स्कूल कॉलेज और सड़कों का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है.

ड्रोन और राडार पद्धति से किया गया सर्वे

शहर के जीआईएस सर्वे के लिए ड्रोन कैमरा की मदद ली गई है. ड्रोन कैमरा के जरिए नगर निगम क्षेत्र की सभी संपत्तियों का सर्वे किया गया है. इस सर्वे के आधार पर संपत्तियों का क्षेत्रफल का डाटा एकत्रित किया गया है और संपत्ति कर के आधार पर उनका वर्गीकरण भी किया जा रहा है. इस पद्धति से संपत्ति कर जुटाने में नगर निगम को काफी मदद मिलेगी.

नगर निगम को होगा यह फायदा

सागर नगर निगम के 5 वार्डों का पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत जीआईएस सर्वे किया गया. इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य यह है कि संपत्ति का रजिस्ट्रेशन कराया गया है कि नहीं, संपत्ति व्यवसायिक उपयोग की है या फिर घरेलू उपयोग की, सर्वे में यह भी देखा जा रहा है कि घरेलू उपयोग की संपत्ति का उपयोग व्यवसाय तो नहीं किया जा रहा है. हर तरह की संपत्ति का हर प्रकार का डाटा एकत्रित किया जा रहा है. वार्डों में ये पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया था. उन 5 वार्डों में 60 से 70 फ़ीसदी राजस्व की वृद्धि दर्ज की गई है. एक वार्ड में तो ये वृद्धि 230% दर्ज की गई है.

हर संपत्ति में लगाई जाएगी डीडीएन प्लेट

जी आई एस सर्वे के बाद नगर निगम क्षेत्र की हर संपत्ति में डीडीएन प्लेट (डिजिटल डोर नंबर प्लेट) लगाई जाएगी. इसके पहले जी आई एस सर्वे के जरिए मल्टीपल हाउसहोल्ड सर्वे किया गया है. इसी सर्वे के आधार पर हर संपत्ति का एक क्यूआर कोड होगा और यूनिक आईडी भी होगी. इसके जरिए प्रॉपर्टी टैक्स, वाटर टैक्स, लाइसेंस की जानकारी और कई तरह की जानकारी मिल सकेगी.

इससे बढ़ेगा नगर निगम का राजस्व

सागर नगर निगम आयुक्त और स्मार्ट सिटी लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आरपी अहिरवार कहते हैं कि "पूरे नगर निगम क्षेत्र की संपत्तियों का जीआईएस सर्वे किया जा रहा है. मौजूदा स्थिति में यह अति आवश्यक है. क्योंकि इसके जरिए हम हर तरह का डाटा डिजिटल कर पा रहे हैं और संपत्तियों का नए तरीके से सर्वेक्षण हो रहा है अभी पांच बार लोको पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लिया गया था जिनमें 77030 दी राजस्व वृद्धि दर्ज की गई है. एक बार में तो यह वृद्धि 200% से ज्यादा है. इस नगर निगम की आय बढ़ेगी और राजस्व वृद्धि होगी एक अनुमान के मुताबिक मौजूदा स्थिति से 70 से 80 चीज जी वृद्धि दर्ज की जाएगी जो बहुत बड़ा आंकड़ा है."

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आरपी अहिरवार ने बताया कि "इस प्रक्रिया के तहत संपत्ति की मौजूदा स्थिति पता चलेगी. संपत्ति व्यवसायिक या घरेलू है, कितने फ्लोर हैं, कितना कंस्ट्रक्शन एरिया है, यह पूरी जानकारी एकत्रित की जा रही है. कई लोग घरेलू संपत्ति का व्यवसायिक उपयोग करते हैं. इस तरह की तमाम जानकारियां इस सर्वे से सामने आ रही हैं. हर संपत्ति में डीडीएन प्लेट लगाई जाएगी, जिसमें एक क्यूआर कोड होगा. क्यूआर कोड को स्कैन करते ही संपत्ति की पूरी जानकारी सामने होगी. जिसको नगर निगम की वेबसाइट पर अपडेट किया जाएगा और संपत्ति के डीडीएन नंबर के जरिए संपत्ति की जानकारी मिल जाएगी."

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