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मंत्री प्रहलाद पटेल के बदले अंदाजः धुर विरोधियों से सुधार रहे हैं संबंध, कहीं शिवराज की कुर्सी पर तो नहीं नजर

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Published : May 20, 2022, 2:46 PM IST

मध्य प्रदेश की राजनीति में इन दिनों प्रहलाद पटेल की स्थानीय नेताओं से चल रही मुलाकात की तस्वीरों के कई मायने निकाले जा रहे हैं. इन दिनों प्रहलाद पटेल के अंदाज बदले हुए नजर आ रहे हैं. कभी वह जयंत मलैया के साथ एक ही टेबल पर खाना खाते नजर आ रहे हैं, तो कभी गोपाल भार्गव के कार्यक्रम में पहुंचकर उनकी भूरी-भूरी तारीफ करते हुए नजर आ रहे हैं.

minister Prahlad Patel in saga
अजय टंडन के साथ मंत्री प्रहलाद पटेल

सागर।सियासी समीकरण कब बदल जाएं, इसका अंदाजा लगाना काफी मुश्किल होता है. मध्यप्रदेश की राजनीति में आजकल ऐसी ही तस्वीरें हलचल मचा रही हैं. इन तस्वीरों के कई मायने निकाले जा रहे हैं और निकल भी रहे हैं. हम बात कर रहे हैं केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल की, जिनकी सियासत का अंदाज इन दिनों एकदम बदल गया है. प्रहलाद पटेल ने 2014 में लोधी बाहुल्य सीट दमोह से जीत हासिल की थी और 2019 में भी जीत को दोहराया. स्थानीय नेताओं से उनके संबंध हमेशा बिगड़े रहे. चाहे दमोह के पूर्व जयंत मलैया हो या फिर दमोह संसदीय क्षेत्र की रेहली विधानसभा के विधायक गोपाल भार्गव. (minister Prahlad Patel in sagar)

मंत्री प्रहलाद पटेल

सीएम की कुर्सी पर प्रहलाद पटेल की नजरःइन दिनों प्रहलाद पटेल के अंदाज बदले हुए नजर आ रहे हैं. कभी वह जयंत मलैया के साथ एक ही टेबल पर खाना खाते नजर आ रहे हैं, तो कभी गोपाल भार्गव के कार्यक्रम में पहुंचकर उनकी भूरी-भूरी तारीफ करते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से हाल ही के दिनों में हुई मुलाकात भी कई संदेश देती नजर आ रही है. कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रहलाद पटेल की नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है. वह समीकरणों को साधने में जुट गए हैं.

नेता अजय टंडन के घर खाने खाते केंद्रीय मंत्री अजय टंडन
गोपाल भार्गव और मंत्री प्रहलाद पटेल

पहली तस्वीरः दमोह विधायक अजय टंडन के साथ प्रहलाद पटेल का लंचः2014 दमोह संसदीय क्षेत्र के जरिए प्रहलाद पटेल ने बुंदेलखंड की सियासत में कदम रखा. उन्होंने स्थानीय नेताओं को कभी महत्व नहीं दिया. पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया से उनके संबंध कभी मधुर नहीं रहे. पिछले साल उपचुनाव में दमोह सीट से राहुल लोधी की हार के बाद तो प्रहलाद पटेल मानो बौखला गए. उन्होंने हार का ठीकरा जयंत मलैया पर ठोक दिया और पार्टी स्तर तक इसकी शिकायत भी की. पिछले 15 अप्रैल की एक तस्वीर बदलते हुए से समीकरणों की सच्चाई बयां कर रही है. इस तस्वीर में जयंत मलैया और प्रहलाद पटेल कांग्रेस विधायक अजय टंडन के घर पर एक ही टेबल पर खाना खाते हुए नजर आ रहे हैं. ये तस्वीरें खुद प्रहलाद पटेल ने अपने टि्वटर हैंडल पर शेयर की थीं. (minister Prahlad Patel with ajay tandon)

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिले केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल

क्या गुल खिलाएगी पहली तस्वीरः जब इस तस्वीर की सच्चाई की तह में जाने की कोशिश की गई, तो पता चला कि 15 अप्रैल को अजय टंडन की मां 96 वर्ष की हुई थीं. सांसद प्रहलाद पटेल ने खुद अजय टंडन को फोन कर उनकी मां का आशीर्वाद लेने की इच्छा जाहिर की थी. प्रहलाद पटेल उनके घर पहुंचे और उनकी मां का भी आशीर्वाद लिया. इन तस्वीरों के साथ एक तस्वीर ने सियासी हलचल मचा दी. उसी दिन अजय टंडन के घर प्रहलाद पटेल और जयंत मलैया एक ही टेबल पर खाना खाते नजर आए. जो लोग दमोह की सियासत को करीब से जानते हैं, वो अच्छी तरह से जानते हैं कि प्रहलाद पटेल और जयंत मलैया के बीच संबंध कभी ठीक नहीं रहे. दमोह में उपचुनाव में राहुल लोधी की हार के बाद हद से ज्यादा हालात बिगड़ गए थे. अब सवाल ये उठ रहा है कि यह तस्वीर से आप सच में क्या गुल खिलाएगी.

दूसरी तस्वीरः गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के घर पहुंचे प्रहलाद पटेलः18 मई की सुबह-सुबह नरोत्तम मिश्रा ने अपने ट्विटर हैंडल पर दो तस्वीरें शेयर कीं. इसमें एक तस्वीर में नरोत्तम मिश्रा घर आए केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल का स्वागत कर रहे हैं, तो दूसरी तस्वीर में दोनों नेता घर पर बैठकर सियासी चिंतन कर रहे हैं. जैसे ही ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, तो मप्र की राजनीति में नए समीकरणों बनने के कयास लगाए जाने लगे. (minister Prahlad Patel and narottam mishra)

ओबीसी आरक्षण से जोड़ी दी दूसरी तस्वीर की मुलाकातः मध्यप्रदेश सरकार के प्रवक्ता के तौर पर जब नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मीडिया द्वारा प्रहलाद पटेल से मुलाकात पर सवाल किया गया. उन्होंने इस मुलाकात को पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण से जोड़ दिया. उन्होंने कहा कि जब से कांग्रेस ने ओबीसी वर्ग की पीठ में छुरा घोंपा है. तब से हम लोग राजनीतिक परिस्थितियों पर लगातार चिंतन मनन कर रहे हैं, इसी सिलसिले में प्रहलाद पटेल मुलाकात करने आए थे.

तीसरी तस्वीरः 20 मई को गोपाल भार्गव के वैवाहिक सम्मेलन में शिरकतः2014 में जब प्रहलाद पटेल दमोह संसदीय सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने आए, तो मंत्री गोपाल भार्गव से उनके संबंध शुरू से ही तल्ख रहे. दरअसल गोपाल भार्गव अपने बेटे अभिषेक भार्गव के लिए 2014 से दमोह और सागर संसदीय सीट से टिकट मांग रहे हैं. लोधी बाहुल्य दमोह सीट के कारण प्रहलाद पटेल बाजी मार गए. कुछ कसक गोपाल भार्गव के मन में थी और अपने आप को केंद्रीय सरकार नेता मानने वाले प्रहलाद पटेल को गोपाल भार्गव से विरोध का डर भी था. (minister Prahlad Patel meeting with gopal bhargave)

आलम यह रहा कि कभी उमा भारती के करीबी रहने वाले दोनों नेता 8 साल तक करीब नजर नहीं आए. 19 मई 2022 का दिन यादगार बन गया, जब गोपाल भार्गव द्वारा आयोजित होने वाले विवाह सम्मेलन में प्रहलाद पटेल बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए और गोपाल भार्गव की तारीफ में कसीदे पढ़ते नजर आए. मीडिया ने जब उनसे सवाल किया कि पुरानी रंजिश भूल कर आज एक साथ नजर आ रहे हैं, तो मुस्कुराते हुए यह कहकर टाल गए कि मुझे लगता है यह शब्द करने से पहले आपको सोचना चाहिए.

ओबीसी आरक्षण पर बोले प्रहलाद पटेल, बेनकाब हुई कांग्रेस, षड़यंत्र आया सामने

मुख्यमंत्री बनने के प्रयासों की तौर पर देखी जा रही है कवायदःप्रहलाद पटेल के इस बदले हुए स्वरूप को लेकर सियासी हलकों में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं. सबसे पहली चर्चा ये है कि 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री बदला जा सकता है. शिवराज सिंह 2005 से लगातार 2018 तक मुख्यमंत्री रहे और कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद फिर मुख्यमंत्री बन गए. भाजपा में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर दावेदारों की फेहरिस्त काफी लंबी है, लेकिन पिछड़ा वर्ग के नेता के तौर पर प्रहलाद पटेल अपने आप को बेहतर विकल्प के तौर पर पेश करने की कवायद में जुटे हुए हैं. माना जा रहा है कि इसी वजह से प्रहलाद पटेल उन सब लोगों को मनाने में जुटे हैं, जिनसे कभी उनके संबंध तल्ख रहे हैं.

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