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कैसे पढ़ेंगे बच्चे, कैसे बढ़ेंगे बच्चे : पानी को तरसते मासूम

सागर जिले के बन्नाद गांव में आंगनबाड़ी के बच्चे पानी की समस्या से जुझ रहे है. पानी की किल्लत को देखते हुए आंगनबाड़ी सहायिकाएं दूसरे हैंडपंपों से पानी लाती है. इस मामले सहायिकाएं कई बार शिकायत कर चुकी है. लेकिन कोई भी अधिकारी इस और ध्यान नहीं दे रहा है, हालांकि PHE की टीम ने पानी की व्यवस्था के लिए प्लान बनाया है, लेकिन इस प्लान पर अभी तक अमल नहीं हो पाया है.

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Published : Mar 6, 2021, 5:42 PM IST

No water system in Anganwadi
आंगनबाड़ी में नहीं पानी की व्यवस्था

सागर। गर्मी का मौसम आते ही पानी की किल्लत होना आम बात है. गर्मी के मौसम में जमीन का पानी सुख जाने के कारण पानी की समस्या का सामना करना पड़ता है. कहीं पानी आता ही नहीं है तो कई इलाकों में गंदा पानी आता है. पानी की समस्या का सामना सागर जिले की आंगनबाड़ियों को भी करना पड़ रहा है. कोरोना के कठीन समय के बाद आंगनबाड़ी बच्चों की किलकारियां से गुलजार होने लगी हैं. लेकिन आंगनबाड़ियों में इन बच्चों के लिए पानी की व्यवस्था तक नहीं है. सागर जिले के ग्रामीण अंचल में हालात ये हैं कि आंगनबाड़ी में पानी के लिए हैंडपंप तो लगाए गए हैं. लेकिन इन हैंडपंप में पानी ही नहीं निकला. ऐसी स्थिति में आंगनबाड़ी आने वाले बच्चों के लिए पानी की व्यवस्था करने के लिए सहायिकाओं को दूर-दूर तक जाना पड़ता है और खुद पानी भरकर लाना पड़ता है. हालांकि पीएचआई की टीम ने पानी की व्यवस्था के लिए प्लान बनाया है, लेकिन इस प्लान पर अभी तक अमल नहीं हो पाया है.

आंगनबाड़ी में नहीं पानी की व्यवस्था, दूसरे हैंडपंप से पानी ला रही सहायिका
  • ग्रामीण अंचल में आंगनबाड़ी में नहीं पानी की व्यवस्था

सागर संभागीय मुख्यालय के ग्रामीण अंचल में आंगनबाड़ियों में पानी की व्यवस्था नहीं है. ईटीवी भारत की टीम ने जब सागर के बन्नाद गांव की दो आंगनबाड़ियों के हालात का जायजा लिया, तो पता चला कि इन आंगनबाड़ियों में हैंडपंप तो लगे हैं. लेकिन इन हैंडपंप से ना तो पानी निकल रहा था और ना इन हैंडपंप के सुझाव आने के लिए कोई इंतजाम किया गया. बन्नाद ग्राम पंचायत के आंगनवाड़ी क्रमांक 88 के हालात ये हैं कि आंगनबाड़ी के सामने हैंडपंप तो है, लेकिन इसमें पानी नहीं निकलता है. यहां की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका ने इस सिलसिले में ग्राम पंचायत में शिकायत भी दर्ज कराई है. लेकिन अभी तक हैंडपंप में सुधार नहीं किया गया. वहीं आंगनबाड़ी क्रमांक 89 का यह हाल हैं कि आंगनबाड़ी के लिए हैंडपंप तो लगाया गया, लेकिन गंदा और बदबूदार पानी लगातार आने के कारण इसे बंद कर दिया गया.

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आंगनबाड़ी सहायिकाओं को भरकर लाना पड़ता है पानी

हैंडपंप में पानी ना आने की शिकायत के बाद भी इन हैंडपंपों में सुधार नहीं किया गया. ऐसी परिस्थितियों में आंगनबाड़ी सहायिकाओं की जिम्मेदारी होती है कि, वह पानी का इंतजाम करें. इन परिस्थितियों को देखते हुए आंगनबाड़ी सहायिकाएं दूसरे चालू हैंडपंप से पानी भरकर लाती हैं. तब आंगनबाड़ी के बच्चों को पानी नसीब हो पाता है. इस स्थिति को सुधारने के लिए कई बार सहायिकाओं ने अधिकारियों से शिकायत की है, लेकिन इस समस्या की ओर किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं जा रहा है.

  • नल से मिलेगा बच्चों को पानी

सहायिकाओं की शिकायत का कुछ असर सरपंच को हुआ है. ग्राम पंचायत के सरपंच का कहना है कि पीएचई पानी की व्यवस्था देखने आई थी. एक मॉडल बनाकर ले गई है. आंगनबाड़ी पर एक टंकी लगाई जाएगी. लाइट फिटिंग के बाद हैंडपंप में 5 हॉर्स पावर का मोटरपंप डाला जाएगा. जिससे पानी बाहर निकल सके. अब टंकी रखी जाएगी और बच्चों को पानी की व्यवस्था की जाएगी. टंकी में लगे नलों से बच्चों को पानी की व्यवस्था की जाएगी.

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