सागर। कहने को तो देश में लोग जागरुक हो चुके हैं और बाल विवाह जैसी कुरीतियां लगभग बंद हो चुकी हैं, लेकिन हकीकत में अब भी बाल विवाह के रूप में कई स्थानों पर नाबालिग किशोरियों का शोषण हो रहा है. बुंदेलखंड में भी बड़े स्तर पर बाल विवाह के मामले सामने आते रहते हैं. ऐसा ही मामला सागर के खुरई से भी सामने आया है. जहां खुरई के शास्त्री वार्ड में एक नाबालिग बालिका के विवाह को सागर से आई विशेष किशोर इकाई की टीम ने रोका और दोनों पक्षों को लड़की के बालिग होने तक विवाह न करने की समझाइश दी.
विशेष किशोर इकाई की टीम ने रोका बाल विवाह, बच्चों के बालिग होने पर शादी करने की दी समझाइश
सागर के खुरई में विशेष किशोर इकाई की टीम ने बाल विवाह को रोका है. साथ ही दोनों पक्षों को लड़की और लड़के के बालिग होने तक विवाह न करने की समझाइश दी.
नाबालिगों के विवाह रोकने के लिए जिला मुख्यालय पर गठित सेल को मुखबिर के द्वारा सूचना मिली थी कि खुरई के शास्त्री वार्ड में एक नाबालिग लड़की का विवाह कराया जा रहा है. इसकी जानकारी महिला बाल विकास विभाग की स्थानीय अधिकारी गीता मिश्रा को दी गई, जिसके बाद सागर की विशेष किशोर इकाई की महिला अधिकारी ज्योति तिवारी और चाइल्ड लाइन की टीम ने पहुंचकर विवाह रोक दिया. विशेष किशोर इकाई महिला अधिकारी ज्योति तिवारी ने जब लड़की और लड़के की अंकसूची चेक की तो उसमें दोनों नाबालिग पाए गए हैं.
लड़की पक्ष के लोग विवाह करने की मांग पर अड़े हुए थे, लेकिन टीम की अधिकारी ज्योति तिवारी के द्वारा दोनों पक्षों को लड़का और लड़की के बालिक होने तक विवाह न करने की समझाइश दी गई है और साथ में चेतावनी भी दी कि यदि विवाह करते हैं तो दोनों पक्षों के लोगों पर अपराध दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी. जिसके बाद दोनों पक्ष विवाह न करने के लिए मान गए हैं. कार्रवाई के दौरान शहरी पुलिस के साथ महिला बाल विकास विभाग भी मौजूद था.