सागर। भारतवर्ष में आदिकाल से सूर्य उपासना की जाती रही है. वर्तमान में चल रहे छठ पूजा में भी सूर्य की उपासना की जाती है, लेकिन देशभर में सूर्य मंदिर विरले और कोणार्क सूर्य मंदिर विश्व प्रसिद्ध हैं. वहीं सागर जिले के रहली विधानसभा में स्थित सूर्य मंदिर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में अपना अस्तित्व खो रहा है.
यहां मौजूद सूर्य मंदिर खोता जा रहा है अपना अस्तित्व, सरकार नहीं दे रही ध्यान
छठ पूजा के अवसर पर सूर्य की उपासना की जाती है. वहीं सागर जिले के रहली विधानसभा में स्थित सूर्य मंदिर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में अपना अस्तित्व खोता नजर आ रहा है.
रहली विधानसभा क्षेत्र के सुनार नदी के किनारे बने सूर्य मंदिर का वैसे तो कोई प्रमाणिक इतिहास नहीं है, लेकिन जानकारों के मुताबिक ये 9वीं से 10वीं शताब्दी के बीच बनाया गया है. इतिहास के पन्नों के अनुसार इस दौरान बुंदेलखंड क्षेत्र और रहली के आसपास गुप्त शासकों के अधीन था. इस दौरान 8वीं सदी से 11वीं सदी तक क्षेत्र में स्थापत्य कला और मूर्तिकला का समुचित विकास हुआ. यही कारण है कि इस क्षेत्र में आज भी बड़ी मात्रा में प्राचीन काल की मूर्तियां खंडित और क्षतिग्रस्त अवस्था में बहुतायत पाई जाती है.