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पंचायत चुनाव पर खामोश शिवराज सरकार! 28 अक्टूबर को हाईकोर्ट को देना होगा जवाब

मध्यप्रदेश में लोकल बॉडी इलेक्शन समय पर नहीं कराये जाने को लेकर राजनीति तेज है. शिवराज सरकार की इस चुप्पी पर जहां कांग्रेस हमलावर है वहीं राज्य सरकार को मामले को लेकर 28 अक्टूबर को हाईकोर्ट में जवाब देना होगा.

Shivraj government will have to answer on 28 October to High Court on Panchayat elections
पंचायत चुनाव पर खामोश शिवराज सरकार 28 अक्टूबर को हाईकोर्ट को देना होगा जवाब

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Published : Oct 26, 2021, 10:19 AM IST

सागर। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव कराने को लेकर हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से 24 अक्टूबर तक जवाब मांगा था. लेकिन सरकार द्वारा चुनाव को लेकर हाईकोर्ट में कोई जवाब पेश नहीं किया गया है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने तीन दिनों का समय देते हुए 28 अक्टूबर को जवाब पेश करने के लिए कहा है. गौरतलब है कि महिला कांग्रेस की महासचिव जया ठाकुर द्वारा समय पर नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव नहीं कराने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी और 24 अक्टूबर को राज्य निर्वाचन आयोग और सरकार को हाईकोर्ट में जवाब पेश करना था.

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क्या है मामला
दरअसल मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव 19 फरवरी 2015 और नगरीय निकाय चुनाव 6 दिसंबर 2014 को संपन्न हुए थे. संविधान के अनुच्छेद 243 U एवं 243 E के तहत ये अगले चुनाव 6 दिसंबर 2019 और 19 फरवरी 2020 को अनिवार्य रूप से कराना था।. लेकिन मध्य प्रदेश सरकार पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव नहीं करा पाई है,जो संविधान का खुला उल्लंघन है. इसी मामले में मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की महासचिव जया ठाकुर ने जनहित याचिका क्रमांक 11369/2021 मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में दायर की थी. जिसमें 4 अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने नोटिस जारी करते हुए मध्य प्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग से जवाब पेश करने को कहा था. प्रकरण की अगली सुनवाई 25 अक्टूबर 2021 नियत की गई थी और कोर्ट द्वारा चुनाव कार्यक्रम भी मांगा गया था. लेकिन सरकार द्वारा 25 अक्टूबर को जवाब पेश नहीं किया गया है, अब कोर्ट ने तीन दिन का समय देते हुए 28 अक्टूबर को जवाब पेश करने के लिए कहा है.

सरकार की मंशा पर उठ रहे हैं सवाल
याचिकाकर्ता जया ठाकुर का कहना है कि एक तरफ विधानसभा के उपचुनाव लगातार कराए जा रहे हैं और दमोह उपचुनाव तो कोरोना की दूसरी लहर जब चरम पर थी, तब कराया गया था. लेकिन सरकार पंचायतों और नगरीय निकाय चुनाव जानबूझकर टाल रही है. वही याचिकाकर्ता के वकील वरुण ठाकुर का कहना है कि संविधान की व्यवस्था के तहत चुनाव तय समय पर कराये जाने चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि चुनाव की तैयारी समय पर करते हुए सही समय पर चुनाव होना चाहिए.

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