सागर।जो भक्त भगवान शिव के उपासक होते हैं, उनके लिए महाशिवरात्रि विशेष महत्व रखती है. भक्तों को शिवरात्रि का खास इंतजार रहता है. वैसे तो हिंदूस्तान में हर जगहों पर शिव मंदिर स्थापित है लेकिन बुंदेलखंड के सागर जिले के राहतगढ़ कस्बे में अद्भुत शिवलिंग स्थापित है. जिसमें एक ही जलहरी में 108 शिवलिंग है. जिसके दर्शन करने दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं और जब बात महाशिवरात्रि की आती है तो यहां की रौनक देखते ही बनती है. पूरे देश में वैसे तो भगवान शिव के अनेक अनेक रूप में मंदिर और मठ है. लेकिन इस प्रकार का स्थान और शिवलिंग अत्यंत दुर्लभ बताया जाता है. इस मंदिर का पुनर्निर्माण 18वीं शताब्दी में किया गया था. जबकि मंदिर में विराजमान शिवलिंग और प्राचीन मंदिर कितना पुराना है. इसकी जानकारी किसी को नहीं है. मंदिर के जीर्णशीर्ण होने के बाद इस पुरातन कालीन मंदिर का 18वीं शताब्दी में जीर्णोद्धार किया गया था. वर्तमान में यह मंदिर मराठा शैली में बना हुआ है.
शिवलिंग में बने हैं 108 शिवलिंग
अति प्राचीन शिवलिंग की विशेषता यह है कि इस शिवलिंग की पूजा करने पर 108 गुना फल मिलता है. चूंकि शिवलिंग की जलहरी में 108 शिवलिंग बने हुए हैं. इसलिए मान्यता है कि यदि हम एक बेल पत्री अर्पित करते हैं, तो 108 शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का फल मिलता है, इस प्रकार का शिवलिंग अन्यत्र विरले ही होगा.
बीना नदी के तट पर बना है यह अति प्राचीन शिव मंदिर