सागर। कोरोना कर्फ्यू काल में शादियों को लेकर प्रशासन ने जमकर सख्ती बरती हुई है. जहां एक तरफ लोगों को सामान्य शादियां करने में भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर बाल विवाह जैसे मामले भी सामने आ रहे हैं. अक्षय तृतीया के मुहूर्त पर एक दिन में सागर जिले में 10 बाल विवाह रोके गए हैं. सागर पुलिस की जानकारी के अनुसार पिछले 12 दिनों में बाल विवाह के 40 मामले सामने आए है.
अक्षय तृतीया के मुहूर्त पर रोके 10 बाल विवाह
विशेष किशोर पुलिस इकाई और चाइल्ड लाइन की टीम ने अक्षय तृतीया के मुहूर्त पर एक दिन में 10 बाल विवाह रोके, जिसमें विशेष किशोर पुलिस इकाई को अज्ञात व्यक्तियों ने कॉल पर बताए थे. जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्र सानौधा, कर्रापुर, केसली, भानगढ़, रेहली, छिरारी, पटना बुजुर्ग और बोधा पिपरिया पर पहुंचकर जहां पर शादी की रस्में चल रही थी. वहां जाकर विशेष किशोर पुलिस इकाई और चाइल्ड हेल्पलाइन टीम ने जांच की. नाबालिग के दस्तावेज चेक किए और परिजनों समझाइश दी गई, कि कम उम्र में शादी करना कानूनी अपराध है. बहुत समझाने के बाद परिजन बाल विवाह नहीं करने के लिए सहमत हुए, इस प्रकार से एक दिन में 10 बाल विवाह बाल रोके गए.
नाबालिग ने ही दी अपनी शादी की सूचना
स्पेशल सेल को मोबाइल पर एक 13 साल की लड़की का फोन भानगढ़ थाना के हिन्नोद गांव से आया था. लड़की का कहना था कि उसके माता-पिता उसकी जबरन शादी करा रहे हैं, जबकि वह अभी पढ़ाई करना चाहती है. स्पेशल सेल तत्काल भानगढ़ के हिन्नोद गांव पहुंची और देखा तो लड़की अपने माता-पिता के साथ झगड़ा कर रही थी और शादी के लिए तैयार नहीं थी. उसकी इच्छा अपनी पढ़ाई जारी रखने की थी. जब स्पेशल सेल टीम ने लड़की के माता-पिता को समझाया, तब जाकर वह शादी रोकने के लिए तैयार हुए.
14 साल की उम्र में रचाया जा रहा था बाल विवाह, पुलिस ने रुकवाया