सागर। सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष महत्व होता है. श्रद्धालु और भक्त पूरे महीने भर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पूजा अर्चना करते हैं. देश में अलग-अलग जगह भगवान शिव के विशाल मंदिर और मूर्तियां हैं. लेकिन मध्य प्रदेश में एक ऐसी जगह है, जहां दुनिया की 4000 साल पुरानी नगरीय सभ्यता निवास करती थी. वहां पर 1500 साल पुराना शिवलिंग स्थापित किया गया है. बस भक्तों को निराशा इस बात की हो सकती है कि यह अति प्राचीन शिवलिंग के दर्शन तो कर सकते हैं, लेकिन उन्हें ना तो हाथ से स्पर्श करने की अनुमति है और ना ही भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं. (eran sagar madhya pradesh shiv temple) (sawan shiv temples)
दुनिया के प्राचीन नगरीय सभ्यता वाले ऐरण में स्थापित है प्राचीन शिवलिंग: मध्य प्रदेश में सागर के बीना तहसील से 15 किमी दूर दुनिया के प्राचीन नगरों में से एक नगर एरन बसा हुआ था. यहां 4 हजार साल पुरानी नगरीय सभ्यता के अवशेष मिले हैं. वही 1512 साल पुराना शिवलिंग मिला है. इस शिवलिंग का सीधा संपर्क भारत की पहली सती होने वाली महिला से है. भारत के इतिहास में सती होने का जो पहला प्रमाण मिला है, वह एरन के पहलेजपुर गांव में मिला है. जहां एरन के सेनापति के निधन के बाद उनकी पत्नी सती हो गई थीं और उनके सती होने के बाद शिवलिंग स्थापित किया गया था.
देश की पहली सती और शिवलिंग:भारतीय इतिहास के गुप्त काल में एरन से लगे पहलेजपुर गांव में शिवलिंग स्थापित किया गया था. इस शिवलिंग का संबंध हमारे देश के इतिहास की पहली सती होने वाली महिला से है. दरअसल 510 ईसवी में गुप्तकालीन शासक राजा भानु राज के सेनापति गोप राज युद्ध में वीरगति को प्राप्त हो गए थे. उनकी पत्नी गोपाबाई एरन रियासत के पहलेजपुर गांव में बीना नदी के किनारे उनकी चिता पर सती हुई थी और फिर उनकी याद में ये शिवलिंग स्थापित किया गया था.