सागर। कोरोना संक्रमण के बढ़ते संक्रमण के कारण अस्पतालों में गंभीर हालत देखने को मिल रहे हैं. मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं. जिनको बेड मिल गया, तो उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है. इलाज के लिए डॉक्टर नहीं पहुंच रहे हैं. मरीज की मौत होने पर आए दिन हंगामें और मारपीट की स्थिति बनती है. इन हालातों को देखते हुए सागर पुलिस ने एक अपील करते हुए कहा कि कोविड मरीजों के परिजन को संयम बरते. इसके साथ ही सागर पुलिस ने इन परिस्थितियों पर अंकुश लगाने के लिए समाजसेवी संगठनों से आगे आने की अपील भी की है. पुलिस का कहना है कि इन परिस्थितियों में हम ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार नहीं करना चाहते हैं, लेकिन हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा है.
सागर एसपी की आम लोगों से अपील अस्पताल में रोजाना हो रहे हैं झगड़े और मारपीट
कोरोना संक्रमण के बीच कोरोना मरीजों को कभी बेड ना मिलने, कभी ऑक्सीजन की कमी या फिर मौत हो जाने पर अस्पतालों में आए दिन गंभीर घटनाएं देखने को मिल रही हैं. नाराज परिजन एक ओर अस्पतालों में हंगामा और तोड़फोड़ कर रहे हैं, तो डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ से भी बदसलूकी की घटनाएं सामने आ रही हैं. हालांकि इन मामलों में पुलिस कार्रवाई कर रही है लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में सागर पुलिस ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है.
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पुलिस नहीं चाहती हम लोगों के साथ अपराधी की तरह व्यवहार करें
एसपी अतुल सिंह ने बताया कि है कि सागर शहर के सभी नागरिकों और जनप्रतिनिधियों से अपील करना चाहता हूं कि कोरोना संक्रमण की जो भयावह स्थिति से हम गुजर रहे हैं. उसमें चिकित्सा संसाधन अत्यंत सीमित है. प्रमुख रूप से विकासखंड मुख्यालय के अस्पताल और जिला अस्पताल के अलावा बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में गंभीर मरीजों को एडमिट करके इलाज दे पा रहे हैं. कई बार ऐसी स्थिति बन जाती है कि डॉक्टर की कोशिश के बाद मरीजों को बचा नहीं पाते हैं. ऐसी स्थिति में मरीजों के परिजन संतुलन खोकर चिकित्सकों के साथ अभद्रता कर रहे हैं.
आम लोगों से पुलिस का अनुरोध
कई ऐसे प्रकरण भी सामने आए हैं कि गंभीर हालत में मरीज को लाया गया और समय पर इलाज ना मिलने पर हंगामा के अन्य मरीजों के इलाज को प्रभावित किया. मेरा सभी से अनुरोध है कि अगर आप के परिजन के साथ ऐसी घटना होती है तो निश्चित ही दु:खद है और हम दुख में सहभागी हैं. लेकिन आपको भी ध्यान रखना होगा कि अस्पताल में दूसरे मरीज भी इलाजरत हैं, जो आपकी ही समाज और शहर का हिस्सा है. अगर आपके कृत्य से डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को बाधा पहुंचती है, तो वहां मौजूद मरीज के साथ आप खिलवाड़ कर रहे हैं. ऐसा कृत्य करने पर हम नहीं चाहते हैं कि आप के साथ अपराधी की तरह व्यवहार करना पड़े. हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा है, ताकि वह अन्य लोगों को पर्याप्त इलाज दे सकें.